शिंदे की बगावत भांप कर उद्धव ठाकरे ने फड़नवीस से की थी डील की कोशिश, मोदी-शाह से भी साधा संपर्क, नहीं मिली कामयाबी
By शिवेंद्र राय | Published: July 17, 2022 02:38 PM2022-07-17T14:38:03+5:302022-07-17T14:40:42+5:30
एकनाथ शिंदे की बगावत को पहले ही भांपकर उद्धव ठाकरे ने इस संकट से निपटने की कोशिश की थी। उद्धव ने देवेंद्र फड़नवीस से बात कर के डील करने की कोशिश की थी। ठाकरे ने सरकार बचाने के लिए मोदी-शाह से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की खुलेआम बगावत से पहले ही उद्धव ठाकरे ने आने वाले खतरे को भांप लिया था और इससे निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से बात भी की थी। उद्धव ठाकरे फड़नवीस के साथ डील करना चाहते थे। हालांकि फड़नवीस ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और उद्धव की सरकार और पार्टी बचाने की कोशिश असफल हो गई।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बगावत का अंदेशा होते ही उद्धव ने सबसे पहले देवेंद्र फड़नवीस से संपर्क साधा। दोनो के बीच फोन पर लंबी बातचीत भी हुई लेकिन फड़नवीस ने मामले से सीधे पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से भी बात करने की कोशिश की लेकिन वहां से भी उद्धव को निराशा ही हाथ लगी।
एमएलसी चुनाव के बाद ही उद्धव को लग गया था अंदाजा
महाराष्ट्र में हुए एमएलसी चुनाव में शिवसेना के कुछ विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी। इसके बाद शिवसेना की तरफ से विधायकों को बैठक के लिए बुलाया गया। उद्धव ठाकरे की बुलाई बैठक में एकनाथ शिंदे और उनके कुछ समर्थक नहीं पहुंचे। यहीं से ठाकरे ने आने वाले संकट को महसूस कर लिया था। उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेताओं से संपर्क कर के डील करने की कोशिश की कि एकनाथ शिंदे को तरजीह न दी जाए। लेकिन फड़नवीस और दिल्ली दोनो जगह से उद्धव को बेरूखी ही मिली।
भाजपा के समर्थन से सीएम बने शिंदे
उद्धव ठाकरे ने आने वाले संकट को पहचान तो लिया लेकिन उससे बचाव का तरीका नहीं खोज पाए। शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को अपने साथ लेकर बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे अब भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। जिन देवेंद्र फड़नवीस से उद्धव ने मदद की आस लगाई थी वह अब शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। सरकार पर कब्जा जमा चुके शिंदे की नजर अब पार्टी पर है।