राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक शीतकालीन सत्र 2019 में राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके पारित होने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे है। कई राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच हैं। Read More
बीएसपी के प्रतिनिधिमंडल ने यूपी की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल से मुलाकात की। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि जिन निर्दोश लोगों को सीएए प्रदर्शन दौरान जेलों में डाला गया है ...
पूर्व गृह मंत्री ने 2020 में प्रस्तावित राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध करते हुए कहा कि यह एनपीआर 2010 के एनपीआर से बिल्कुल अलग है और इस बार कई ऐसी जानकारियां मांगी जा रही हैं जो अप्रासंगिक हैं। ...
सिंह ने सीएए को लेकर जनजागरण अभियान की शुरुआत के अवसर पर रविवार को कहा कि केरल में संविधान का मखौल उड़ाया गया है और यह राष्ट्र द्रोह की परिधि में आता है। उन्होंने कहा कि संसद से पारित और राष्ट्रपति से हस्ताक्षरित कानून का सभी को सम्मान करना चाहिए। ...
दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा कि वह सीएए, एनपीआर और एनसीआर के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करती हैं लेकिन बंद का साथ नहीं देंगी क्योंकि इससे जनता को परेशानी होती है और राजस्व का नुकसान होता है। ...
पीयूष गोयल द्वारा आयोजित इस स्पेशल डिनर का मकसद बॉलीवुड सेलेब्स को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रही अफवाहों को एड्रेस करना था। साथ ही CAA के लिए सेलेब्स का समर्थन हासिल करना था। ...
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएए को प्रश्न एवं उत्तर के प्रारूप में सरलता से स्पष्ट किया गया है, ताकि कानून के संबंध में लोगों के भय को दूर किया जा सके। पुस्तिका में ‘‘इसके बाद क्या एनआरसी लाया जाएगा? इसकी कितनी जरूरत है? और एनआरसी आने पर क्या असम की ...
विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 20 दिसंबर को मदरसा कॉप्लेक्स में घुस गई। इस दौरान पुलिस ने वहां मौजूद छात्रों के साथ मारपीट की और उन्हें “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया। यही नहीं उन लोगों को पुलिस ने कई बार आतंकवादी भी कहा है। ...