जोश मलीहाबादी का असली नाम शब्बीर हसन था। 5 दिसंबर 1898 में उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद में जन्मे. वे साल 1958 तक भारत में ही रहे लेकिन उसके बाद पाकिस्तान चले गए। पाकिस्तान में 22 फरवरी 1982 को उनका इंतकाल हो गया। जोश भारत और पाकिस्तान में बराबर लोकप्रिय ...
दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में इस साल 21वें भारत रंग महोत्सव में नाटक 'मुंशीगंज गोली कांड उर्फ मूक बलिदान' की प्रस्तुति की गई। इस ऐतिहासिक घटना को जलियांवाला घटना के नाम से जाना जाता है। ...
कुलदीप राघव के इश्क़ मुबारक किताब में ऐसे ही प्यार की एक कहानी है, जिसे पढ़ते हुए आप कहानी के पात्रों के साथ एक जुड़ाव महसूस करने लगते हैं। प्यार और सपने ये दो ऐसी चीज है, जिसके बारे में हर युवा कुछ न कुछ सोचता है। ...
डॉ. कल्ला ने कहा कि आजकल कई जगह कथक जैसी विशुद्ध विद्याओं के साथ मिलावट करते हुए इसको अलग तरह से पेश किया जाता है, यह संस्कृतिक प्रदूषण की श्रेणी में आता है, जो कतई उचित नहीं है। जयपुर घराना कथक की परम्पराओं और संस्कृति वैभव को संरक्षण करते हुए अपनी ...
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने 12 साल का सफर पूरा किया है और इस दौरान इस फेस्टिवल ने देश ही नहीं दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। ...
वेस्टलैंड बुक्स द्वारा प्रकाशित, द वॉल्ट ऑफ विष्णु’ अश्विन सांघी की प्रसिद्ध पौराणिक 'भारत श्रृंखला' में 6वीं पुस्तक है। पुस्तक तीन यात्रियों के बारे में है जो उत्तर की तलाश में एक प्राचीन व्यापार मार्ग पर चलते रहते हैं। पौराणिक कथाएं कहानी कहने का ए ...
आईआईटी कानपुर के छात्र और फिर जामिया मिलिया, दिल्ली के छात्र-छात्रएं तानाशाही रवैये के विरोध के इसी प्रतीक के माध्यम से अपनी बात उजागर कर रहे थे. असल में, फैज ने कुछ धार्मिक प्रतीकों के माध्यम से अपनी बात कही है. दुनिया जानती है कि फैज नास्तिक थे और ...