आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर के अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। ...
पुलिस द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 2019 से लेकर 1 अगस्त 2023 तक के 5 साल के अरसे में कश्मीर ने 1277 मौतें देखी हैं। इनमें हालांकि सबसे बड़ा आंकड़ा आतंकियों का ही है। ...
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनके सहयोगी न्यायाधीश को यह समझाने की कोशिश की कि 5 अगस्त 2019 को क्या हुआ और हम सुप्रीम कोर्ट से क्या उम्मीद कर रहे हैं। सीजेआई और उनके सहयोगी जज ने भी कई सवाल उठाए। ...
सुप्रीम कोर्ट में धारा 370 के मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि संसद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रस्ताव के जरिए यह नहीं कह सकती कि "हम संविधान सभा हैं"। ...
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगभग 30,000 रिक्तियां भरी गईं। ...
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज फैसल और शेहला को अपनी याचिकाएं वापस लेने की अनुमति दी और निर्देश दिया कि उनके नाम याचिकाकर्ताओं की सूची से हटा दिए जाएं। ...