अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई का दिया निर्देश

By मनाली रस्तोगी | Published: July 11, 2023 11:43 AM2023-07-11T11:43:48+5:302023-07-11T12:38:28+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने से संबंधित कई याचिकाओं पर 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का निर्देश दिया।

Abrogation of Article 370 Supreme Court directs day-to-day hearing from August 2 | अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई का दिया निर्देश

(फाइल फोटो)

Highlightsअदालत ने कहा कि याचिकाओं की सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर दैनिक आधार पर होगी।सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेजों के सामान्य सुविधा संकलन की तैयारी के लिए दो अधिवक्ताओं को नोडल वकील नियुक्त किया।पीठ ने दस्तावेज दाखिल करने, पक्षों द्वारा लिखित दलीलें देने के लिए 27 जुलाई की समय सीमा तय की।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अगस्त से रोजाना सुनवाई करेगा।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कई प्रक्रियागत निर्देश पारित करते हुए विभिन्न पक्षों द्वारा लिखित प्रतिवेदन और अन्य लिखित दलीलें देने की समय सीमा 27 जुलाई तय की। 

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर रोजाना आधार पर होगी। सोमवार और शुक्रवार को शीर्ष अदालत में विविध मामलों पर सुनवाई की जाती है। 

पीठ ने लिखित दलीलें तैयार करने और इसे 27 जुलाई से पहले दाखिल करने के लिए दो वकीलों को नियुक्त किया है, जिसमें से एक वकील याचिकाकर्ता की ओर से और एक सरकार की ओर से है। 

साथ ही पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि 27 जुलाई के बाद कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 की अधिसूचना के बाद प्रचलित स्थितियों के संबंध में केंद्र की ओर से सोमवार को दाखिल हलफनामे का पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा संवैधानिक मुद्दे पर की जा रही सुनवाई पर कोई असर नहीं होगा। 

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने बताया कि दो याचिकाकर्ताओं आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी शाह फैसल और कार्यकर्ता शेहला राशिद शोरा ने याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम वापस लेने के लिए एक आवेदन दिया है। 

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोई याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम वापस लेना चाहता है तो उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद पीठ ने शाह और शोरा को याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम वापस लेने की अनुमति दे दी। 

केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में विभाजित कर दिया था। 

जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को 2019 में संविधान पीठ को भेजा गया था। अनुच्छेद 370 को निरस्त करके केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था।

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Abrogation of Article 370 Supreme Court directs day-to-day hearing from August 2

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