आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि नागरिकों से मुठभेड़ क्षेत्र में नहीं जाने का अनुरोध किया गया है क्योंकि कहीं भी विस्फोटक सामग्री पड़ी होने क ...
अधिकारियों ने बताया कि पीडीपी से दिलावर मीर और गुलाम हसन मीर गत पांच अगस्त से नजरबंद थे और 110 दिनों से अधिक की नजरबंदी के बाद नये केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। ...
कंसर्न्ड सिटीजन ग्रुप (सीसीजी) नामक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों में उनकी गतिविधियों पर पुलिस द्वारा लगाई गई रोक जमीनी हकीकत को छिपाने के लिए सरकार की सोची-समझी चाल है। प्रतिनिधिमंडल ने आगाह किया कि अगर केंद्र कश्मीर को लेकर अपने र ...
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद से करीब तीन दर्जन नेताओं को हिरासत में लिया गया है। ...
जम्मू फ्रंटियर बीएसएफ के महानिरीक्षक एन. एस. जामवाल ने कहा कि बीएसएफ सैनिकों को पाकिस्तान स्थित आतंवादियों के ड्रोन के जरिए हथियार गिराने के खतरे से निपटने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। हालांकि अभी तक ऐसी किसी घटना की कोई खबर नहीं है। ...
शहर के मुख्य बाजार और घाटी के अधिकतर क्षेत्र बंद रहे और दुकानें सुबह कुछ घंटों के लिए भी नहीं खुलीं जबकि पिछले कुछ सप्ताह से कुछ देर के लिए दुकानें खुल रही थीं। ...
गौरतलब है कि भारत ने पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को प्रदत्त विशेष दर्जा भी वापस ले लिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। ...
मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने कहा, ‘‘ हम जम्मू कश्मीर के मामले में किसी हिरासती मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं । हम इस समय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं जो अनुराधा भसीन और गुलाम नबी आजाद ने दायर की हैं । ये आवाजाही की स्वतंत्रता और प्रेस आद ...