अनुच्छेद 370ः सुप्रीम कोर्ट ने कहा-यह संदेश न दें कि आप इस मामले पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं, आपको सवाल का जवाब देना होगा

By भाषा | Published: November 21, 2019 01:00 PM2019-11-21T13:00:53+5:302019-11-21T13:00:53+5:30

मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने कहा, ‘‘ हम जम्मू कश्मीर के मामले में किसी हिरासती मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं । हम इस समय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं जो अनुराधा भसीन और गुलाम नबी आजाद ने दायर की हैं । ये आवाजाही की स्वतंत्रता और प्रेस आदि से जुड़ी हैं।’’

Article 370: Supreme Court said - do not give this message that you are not paying enough attention to this matter, you have to answer the question | अनुच्छेद 370ः सुप्रीम कोर्ट ने कहा-यह संदेश न दें कि आप इस मामले पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं, आपको सवाल का जवाब देना होगा

पीठ ने कहा,‘‘ अब उन्होंने उच्च न्यायालय से याचिका वापस ले ली है और यहां दाखिल याचिका लंबित है।’’ 

Highlightsपीठ ने कहा कि केवल एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लंबित है जो कि एक कारोबारी की हिरासत के खिलाफ है।याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय के साथ ही जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में भी यह याचिका दाखिल की थी।

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा कि उसे पूर्ववर्ती राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में हर सवाल का जवाब देना होगा।

न्यायमूर्ति एन वी रमन के नेतृत्व वाली पीठ ने प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में व्यापक पैमाने पर तर्क दिए गए हैं और उन्हें सभी सवालों का जवाब देना होगा। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं।

इसने कहा, ‘‘ मिस्टर मेहता, आपको याचिकाकर्ताओं के हर सवाल का जवाब देना होगा जिन्होंने विस्तार में तर्क दिए हैं। आपके जवाबी हलफनामे से हमें किसी नतीजे पर पहुंचने में कोई मदद नहीं मिली है। यह संदेश न दें कि आप इस मामले पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं।’’ मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने प्रतिबंधों पर जो भी बात कही है, वह ज्यादातर ‘‘गलत’’ है और अदालत में बहस के दौरान वह हर बात का हर पहलू से जवाब देंगे।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उनके पास मामले की स्थिति रिपोर्ट है लेकिन उन्होंने अभी वह अदालत में दाखिल नहीं की है क्योंकि जम्मू कश्मीर में हर रोज हालात बदल रहे हैं तथा रिपोर्ट दाखिल करने के समय वह एकदम वास्तविक हालात का ब्योरा देना चाहते हैं।

मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने कहा, ‘‘ हम जम्मू कश्मीर के मामले में किसी हिरासती मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं । हम इस समय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं जो अनुराधा भसीन और गुलाम नबी आजाद ने दायर की हैं । ये आवाजाही की स्वतंत्रता और प्रेस आदि से जुड़ी हैं।’’

इसके साथ ही पीठ ने कहा कि केवल एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लंबित है जो कि एक कारोबारी की हिरासत के खिलाफ है क्योंकि याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय के साथ ही जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में भी यह याचिका दाखिल की थी। पीठ ने कहा,‘‘ अब उन्होंने उच्च न्यायालय से याचिका वापस ले ली है और यहां दाखिल याचिका लंबित है।’’ 

Web Title: Article 370: Supreme Court said - do not give this message that you are not paying enough attention to this matter, you have to answer the question

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