आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की साबरमती आश्रम की यात्रा के दौरान ही महात्मा गांधी की विरासत को याद किया जाता है। उनके मूल्य काफी पहले ही भुला दिये गए हैं। '' पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 वापस लिये जाने के बाद महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले ...
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने यह भी कहा कि इस साल अबतक बस तीन आतंकवादियों की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ करने की पुष्टि हुई है। डीजीपी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ सूचीबद्ध आतंकवादियों की पहले जो संख्या थी, उसमें अ ...
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने और तीन तलाक को दंडनीय बनाने जैसे मोदी सरकार के कदमों के बारे में भ्रांतियां दूर करने का भी आह्वान किया। ...
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भावगत ने कहा, ‘‘हिंदू समाज को संगठित करने के अलावा संघ का कोई और काम नहीं है। यह भ्रम फैलाया जाता है कि संघ देश के सभी मामलों में हस्तक्षेप करता है। ऐसा कई लोग कहते हैं। इमरान खान भी कहते हैं। ...
पाकिस्तान के दौरे पर आए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटरेस ने जम्मू कश्मीर के बाद अब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बयान दिया है। ...
कश्मीर मामले में भी ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर आलोचना करती रही हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि इसी वजह से भारत सरकार ने वापस उसे डिपोर्ट कर दिया था। ...
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, मैं केवल महबूबा मुफ्ती की बेटी की तरह बात नहीं कर रही, बल्कि एक दुखी कश्मीरी की तरह भी कर रही हूं। हम सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से क्या हो रहा है ...
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद लोकतंत्र के चौथे स्तंभ व दुनिया को खबरों से रूबरू कराने वाले पत्रकार बेरोजगार होकर मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। ...