क्या राजनीति में उतरेंगी महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा?, देखिए क्या दिया जवाब, कश्मीर को लेकर मोदी सरकार पर भी लगाए गंभीर आरोप
By भाषा | Published: February 19, 2020 06:38 AM2020-02-19T06:38:57+5:302020-02-19T06:38:57+5:30
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, मैं केवल महबूबा मुफ्ती की बेटी की तरह बात नहीं कर रही, बल्कि एक दुखी कश्मीरी की तरह भी कर रही हूं। हम सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से क्या हो रहा है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त हुए सात महीने हो गए हैं और तब से जम्मू कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक संकट से जूझ रहा है। इल्तिजा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अनुच्छेद 370 शेष भारत के साथ कश्मीर का ‘भावनात्मक जुड़ाव’ था और बड़ी कीमत पर इसे समाप्त किया गया है। अपने राजनीति में आने को लेकर महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि वह अभी राजनीति में आने के लिए तैयार नहीं हैं। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वह एक अच्छी राजनीतिज्ञ होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल महबूबा मुफ्ती की बेटी की तरह बात नहीं कर रही, बल्कि एक दुखी कश्मीरी की तरह भी कर रही हूं। हम सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से क्या हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बाकी देश से कश्मीरियों के लिए भावनात्मक जुड़ाव था और उसे समाप्त कर दिया गया। इसकी बड़ी कीमत अदा की गयी और जम्मू कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक संकट से जूझ रहा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीरियों की हालत के बारे में गलत जानकारी फैला रही है। इल्तिजा ने कहा, ‘‘मुझे वाकई लगता है कि सरकार दुष्प्रचार और गलत जानकारी फैलाने में लगी है। बाकी देश को और कश्मीर का दौरा करने वाले राजदूतों को बताया गया कि हमें समान अधिकार प्राप्त हैं लेकिन वास्तव में आप इस समय कश्मीर में वीपीएन का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री का सम्मान करती हूं जैसा सभी को करना चाहिए। लेकिन मुझे बहुत दुख होता है कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है या वह जानबूझकर देश को गुमराह कर रहे हैं। कश्मीरियों के अब क्या अधिकार बचे हैं?’’ इल्तिजा ने आभासी निजी नेटवर्कों (वीपीएन) के माध्यम से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सरकार के आदेश की अवहेलना करने को लेकर कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने पर जम्मू कश्मीर पुलिस की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कश्मीर जाऊंगी और वीपीएन का इस्तेमाल करूंगी। वे मेरे खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर सकते हैं।’’ घाटी से 1989 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बात करते हुए महबूबा मुफ्ती की बेटी ने कहा कि जो कुछ हुआ, वह बहुत दर्दनाक था, लेकिन वहां हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच कोई कटुता नहीं थी।
उन्होंने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर सार्वजनिक रूप से खेद जताते हुए कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि कश्मीरी पंडित और कश्मीरी मुस्लिम एक-दूसरे से झगड़ रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।’’ उन्होंने माना कि कश्मीर के लोग उनकी मां, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला समेत स्थानीय नेताओं से नाराज हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि लोग केंद्र की सरकार से ज्यादा नाराज हैं।
इल्तिजा ने कहा, ‘‘जब आप कश्मीर में नेताओं पर अविश्वास बढ़ने की बात करते हैं तो आप 200 प्रतिशत सही हैं। लेकिन बाकी देश को इस बात पर जश्न नहीं मनाना चाहिए क्योंकि कश्मीरी लोग नेताओं से कह रहे हैं, ‘‘देखिए, आप भारत के साथ खड़े रहे और आपको क्या मिला?’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे इसलिए ऐसा कहते हैं क्योंकि अलगाव की भावना है। लेकिन वे इस सरकार से ज्यादा नाराज हैं।
अगर आज अमित शाह राज्य में आजादी से घूम सकते हैं तो मैं उन्हें सलाम करूंगी क्योंकि आज हर कश्मीरी को लगता है कि उन्होंने ही यह अभियान चलाया।’’ इल्तिजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि माहौल केवल कश्मीरियों के लिए खराब है, बल्कि पूरे देश में माहौल खराब हो गया है। यह वो देश नहीं है जिसमें मैं पली बढ़ी। मुझे लगता है कि हम हिंदू पाकिस्तान बन रहे हैं।’’
उनकी मां और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया था। राजनीतिक आकांक्षा के सवाल पर इल्तिजा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में अभी तक नहीं सोचा है।