इन स्मृतियों में नागार्जुन, रवींद्रनाथ ठाकुर, विद्यापति, भूपेन हजारिका हैं तो मणि कौल, प्रभाष जोशी, विद्रोही, स्वदेश दीपक भी. लेखक अपनी मुलाकातों, अध्ययन की कूची से एक तरह से रेखाचित्र खींचते हैं और अपने क्षेत्र में इनके योगदान को समग्रता में समेटते ...
अमृता प्रीतम के आग्रह पर तत्कालीन प्रधानमंत्नी इंदिरा गांधी ने फहमीदा रियाज को राजनीतिक आश्रय दिया था और तब लगभग सात साल फहमीदा ‘अपने दूसरे घर’ भारत में रही थीं. ...
Pakistani Writer Fahmida Riaz passes away at the age of 72: फहमीदा रियाज़ पिछले कुछ महीनों से बीमार थी। उन्होंने 21 नवंबर को 72 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। उर्दू साहित्य में शोक की लहर। ...
क़बाल ने फारसी और उर्दू में करीब 12 हजार शेर लिखे। उर्दू शायरी में उन्हें मीर तकी मीर और मिर्जा ग़ालिब के पाये का शायर माना जाता है। नौ नवंबर 1877 को ब्रिटिश भारत में सियालकोट में जन्मे इक़बाल के पूर्वज कश्मीरी ब्राह्मण थे। ...
सुदामा पांडे 'धूमिल' ने सिर्फ तीन कविता संग्रह ही लिखे लेकिन प्रजातांत्रिक व्यवस्था और देश की स्थितियों को नापने में सफल रहे हैं। हिंदी साहित्य में उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। उनकी कविता 'मोचीराम' एक हस्ताक्षर है। ...
धूमिल को 'कल सुनना मुझे' कविता-संग्रह के लिए 1979 में मृत्योपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। जीते जी धूमिल का केवल एक कविता संग्रह प्रकाशित हो सका था। धूमिल की महज 38 साल की उम्र में 1975 में मृत्यु हो गयी। ...