माघ का महीना हिन्दू पंचांग का 11वां महीना होता है। धार्मिक दृष्टि से इस महीने का विशेष महत्व है। माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान और दान का भी करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। इस पवित्र महीने की शुरूआत 18 जनवरी, मंगलवार से हो रही है, जबकि इसका समापन 16 फरवरी 2022 को माघ पूर्णिमा के दिन होगा। माघ मास में 'कल्पवास' किया जाता है, जिसके माध्यम से व्यक्ति तन-मन और आत्मा से नवीन हो जाता है। पुराणों में माघ मास के समय संगम के तट पर निवास को ही कल्पवास कहा जाता है। संयम,अहिंसा व श्रद्धा ही कल्पवास का मूल आधार होता है। माघ माह में कई जगहों पर माघ मेला लगता है।
माघ माह में स्नान का महत्व
हिंदू पंचांग के इस ग्यारहवें महीने में स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस माह पवित्र नदी में स्नान करता है उसे एक विशेष प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, काया निरोगी रहती है और आध्यात्मिक चिंतन और भी मजबूत होता है। माघ स्नान से व्यक्ति के समस्त पाप जलकर भस्म हो जाते है एवं इस मास में पूजन-अर्चन व स्नान करने से भगवान विष्णु का सानिध्य प्राप्त होता है।
माघ मास के नियम
शास्त्रों के अनुसार, माघ महीने में गुड़ और तिल का सेवन करना विशेष लाभकारी होता है। इस महीने यदि एक समय भोजन किया जाए तो आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है। इस महीने सुबह जल्दी उठकर स्नान करना लाभकारी माना जाता है। माघ माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है। इस महीने "श्री माधव दया सिंधो भक्तकामप्रवर्षण। माघ स्नानव्रतं मेद्य सफलं कुरु ते नमः॥" मंत्र का जाप करना चाहिए।
माघ माह के प्रमुख व्रत-त्योहार
1 - सकट चौथ, 21 जनवरी, 20222 - षठतिला एकादशी, 28 जनवरी 20223 - मौनी अमावस्या, 1 फरवरी, 20224 - वसंत पंचमी- 5 फरवरी, 20225 - जया एकादशी - 12 फरवरी, 20226 - माघी पूर्णिमा- 16 फरवरी, 2022