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Guru Gobind Singh Jayanti 2021: गुरु गोबिंद सिंह की जयंती आज, क्या आप जानते हैं उनसे जुड़े ये तथ्य

By विनीत कुमार | Published: January 20, 2021 8:32 AM

Guru Gobind Singh Jayanti: आज गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती है। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी और साथ ही 'पंच ककार' का सिद्धांत दिया था।

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ठळक मुद्देगुरु गोबिंद सिंह का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ थागुरु गोबिंद सिंह को गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु रूप में स्थापित करने का श्रेय जाता हैगुरु गोबिंद सिंह ने ही 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी, पंच ककार का दिया सिद्धांत

सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की आज (20 जनवरी, 201) जयंती है। सिख समुदाय में गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं। इस बार उनकी 20 जनवरी, 2021 को पड़ रही है। ये गुरु गोबिंद सिंह जी की 354वीं जयंती है।

गुरु गोबिंद सिंह अपनी जीवनशैली और आदर्शों के लिए केवल सिख नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए एक उदाहरण हैं। उन्होंने हमेशा ही अन्याय और अत्याचारों का विरोध किया। उन्हें गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा करने और इस पवित्र ग्रंथ को गुरु रूप में स्थापित करने का भी श्रेय जाता है।

Guru Gobind Singh Jayanti: पटना साहिब में जन्म

गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था और वे अपने पिता गुरु तेग बहादुर की मृत्यु के बाद गुरु बनाए गए। गुरु गोबिंद सिंह को एक महान योद्धा, कवि और अध्यात्मिक गुरु के तौर पर भी याद किया जाता है।

उन्होंने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी जो सिखों के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए, जिन्हें पंच ककार कहा जाता है। सिखों में इन पांच चीजों का जरूरी माना जाता है। ये पांच चीजें हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा।

Guru Gobind Singh Jayanti: 'पंच ककार' का सिद्धांत

ये वह समय था जब जब औरंगजेब का शासन था। उसके अत्याचारों से तंग आकर गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को एकजुट किया। बैसाखी के दिन लाखों की संख्या में लोग एकत्र हुए और फिर 'खालसा पंथ' की स्थापना की गई। 

'पांच प्यारों' को अमृत छका कर सिख से 'सिंह' बनाया और उन्हें ‘पांच ककार’ धारण कराये। खालसा का मतलब ये हुआ कि वह सिख जो गुरु से जुड़ा है और किसी का गुलाम नहीं है। वह पूरी तरह से स्वतंत्र है। 

नियमों के अनुसार सिखों को हमेशा पांच चीजें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा अपने पास रखना जरूरी होता है। गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा के अनुसार अनुसार एक सिख को हमेशा 'बुराई' से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

टॅग्स :गुरु गोबिंद सिंहसिखपटनाPatna
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