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Chandra Grahan 2020: साल का चौथा और आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को, जानिए सूतक काल कब से है और भारत में क्या होगा असर?

By विनीत कुमार | Published: November 27, 2020 1:00 PM

Chandra Grahan 2020: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगने जा रहा है। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। ये एक उपछाया चंद्र ग्रहण है। ये एशिया समेत ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

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ठळक मुद्दे30 नवंबर को लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण, इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी हैये चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में लगेगा

Chandra Grahan 2020: इस साल यानी 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर, 2020 को लगने जा रहा है। ये इस साल का चौथा चंद्र ग्रहण भी होगा। कोरोना संकट के बाद ये साल दुनिया भर के लोगों के लिए मुश्किल भरा रहा है। ऐसे में चंद्र ग्रहण के साथ दुनिया भर के लोग ये उम्मीद भी कर रहे हैं कि कोरोना का ग्रहण भी खत्म हो जाए। 

चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी दरअसल सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। ऐसे में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।

हिंदू मान्यताओं में चंद्र और सूर्य ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। खासकर सूतक काल के बारे में सभी जानना चाहते हैं। हिंदू धर्म में सूतक काल में मांगलिक और शुभ कार्य आदि करने की मनाही होती है। साथ ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।

इस दौरान मूर्तियों को छूना मना होता है। हालांकि, लोग मन ही मन पूजा पाठ और मंत्रोच्चार वगैरह कर सकते हैं। ऐसे में आईए जानते हैं कि 30 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब से शुरू होगा, चंद्र ग्रहण लगने का समय क्या है और ये दुनिया में कहां-कहां दिखाई देगा।

Lunar Eclipse Timings: चंद्र ग्रहण का समय

भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण की शुरुआत दोपहर 1.04 बजे से हो जाएगी और इसका समापन 5 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा। दोपहर बाद 3.13 बजे चंद्र ग्रहण के मध्य की स्थिति होगी। इस लिहाज से ग्रहण का पूरा समय करीब 4 घंटे 18 मिनट और 11 सेकेंड का रहेगा। 

एक बड़ी बात ये भी है कि ये चंद्र ग्रहण इस बार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2020) के दिन पड़ रहा है। साथ ही ये चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण होगा। इस तरह ये चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में लगेगा। 

साल का आखिरी चंद्रग्रहण एशिया समेत ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। हालांकि इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। 

Chandra Grahan Sutak: चंद्र ग्रहण का सूतक कब लगेगा

मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लग जाता है। ऐसे ही सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है। हालांकि, इस बार चूकी ये उपछाया ग्रहण है और भारत में ये दिखाई भी नहीं देगा, इसलिए भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।

शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है। वैसे, नक्षत्र और राशि के अनुसार जातकों पर इसका असर जरूर पड़ेगा। ये ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा इसलिए इस राशि के जातकों को कुछ परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।

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