नई दिल्ली, 25 सितंबर: इसी साल के अंत तक तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस लेकर देश की बड़ी पार्टी से लेकर क्षेत्रिय पार्टियों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी साल यूपी में विधानसभा और लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए थे। उस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के रथ को रोकने के लिए कांग्रेस, बसपा और समाजवादी पार्टी ने हाथ मिलाया था और सफलता भी हासिल की थी।
उसके बाद से लोकसभा चुनाव-2019 के लिए विपक्षी एकता लगातार बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की बात कह रही हैं। वहीं हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को झटका देते हुए छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर लिया तो मध्य प्रदेश में मायावती अकेले चुनाव लड़ने के मूड में हैं। मायावती ने अपने 22 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। लेकिन कांग्रेस के अधिकांश राज्य के नेता चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस बसपा के साथ गठबंधन करे। जी मीडिया की खबर के मुताबिक सोमवार को कांग्रेस पार्टी की कोर ग्रुप की मीटिंग थी। इस मीटिंग में कई राज्य के कांग्रेस नेता शामिल हुए थे। इस बैठक में सभी ने 2019 लोकसभा चुनाव पर मंथन किया। किस सहयोगी दल के साथ गठबंधन करना चाहिए इस पर भी चर्चा हुई।
जब बात सहयोगी दल पर पहुंची तो हर राज्य के कांग्रेस नेता ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए मायावती की पार्टी से गठबंधन करने की सलाह दी है। राज्यों के नेताओं ने आलाकमान को इस गठबंधन के पीछे के फायदे और दलित वोट बैंक के गणित को समझाया है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मायवाती के लिए गए फैसले से कांग्रेस नेता ऐसे ही सकते में हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस मायावती की सीटों की मांग पूरी करके अपने नेताओं की बात सुनेगी या अकेले अपने दम पर मैदान में उतरेगी।