तस्वीरें: ये हैं रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास के 10 प्रसिद्ध दोहे By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 07, 2019 6:44 AMOpen in App1 / 11रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास की आज जयंती है। इसे हर साल सावन महीने से शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। 16वीं शताब्दी में जन्में तुलसीदास के बारे में ऐसी मान्यता है कि कलयुग में उन्हें भगवान हनुमान सहित श्रीराम और लक्ष्मण ने दर्शन दिये थे। कई लोग तुलसीदास को महर्षि वाल्मिकी के पुनर्जन्म के रूप में देखते हैं।2 / 11दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान तुलसी दया न छोडिये, जब तक घट में प्राण3 / 11तुलसी मीठे बचन ते, सुख उपजत चहुँ ओर बसीकरन इक मंत्र है, परिहरू बचन कठोर4 / 11सचिव बैद गुरु तीनि जौं, प्रिय बोलहिं भय आस राज धर्म तन तीनि, कर होइ बेगिहीं नास5 / 11तुलसी साथी विपत्ति, के विद्या विनय विवेक साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक6 / 11तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए अनहोनी होनी नही, होनी हो सो होए7 / 11नामु राम को कलपतरु, कलि कल्यान निवासु जो सिमरत भयो भाँग, ते तुलसी तुलसीदास8 / 11तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान भीलां लूटी गोपियाँ, वही अर्जुन वही बाण9 / 11सरनागत कहुँ जे तजहिं, निज अनहित अनुमानि ते नर पावँर पापमय, तिन्हहि बिलोकति हानि10 / 11आवत ही हरषै, नहीं नैनन नहीं सनेह तुलसी तहां न जाइये, कंचन बरसे मेह11 / 11काम क्रोध मद लोभ की, जौ लौं मन में खान तौ लौं पण्डित मूरखौं, तुलसी एक समान और पढ़ें Subscribe to Notifications