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Maharashtra Taja Samachar: विदर्भ-मराठवाड़ा के उद्योगों को बिजली बिल में मिलने वाली 1200 करोड़ रुपये की राहत अधर में फंसी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 17, 2020 09:07 IST

महाराष्ट्रः राज्य सरकार ने प्रदेश के पिछड़े इलाकों-खासतौर पर विदर्भ एवं मराठवाड़ा के उद्योगों को राहत देने के लिए पिछली सरकार ने बिजली दरों में छूट देने का फैसला किया था.

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ठळक मुद्देविदर्भ-मराठवाड़ा के उद्योगों को बिजली बिल में मिलने वाली वार्षिक 1200 करोड़ रु. की राहत अधर में फंस गई है. . राज्य सरकार से सब्सिडी के पैसे नहीं मिलने की वजह के बिजली वितरण कंपनी महावितरण ने उद्योगों को सोमवार की शाम बिना राहत दिए बिजली बिल जारी करने का फैसला ले लिया.

नागपुरः विदर्भ-मराठवाड़ा के उद्योगों को बिजली बिल में मिलने वाली वार्षिक 1200 करोड़ रु. की राहत अधर में फंस गई है. राज्य सरकार से सब्सिडी के पैसे नहीं मिलने की वजह के बिजली वितरण कंपनी महावितरण ने उद्योगों को सोमवार की शाम बिना राहत दिए बिजली बिल जारी करने का फैसला ले लिया. विदर्भ के उद्योगों को इसकी वजह से इस महीने प्रति यूनिट 1. 25 रुपए एवं मराठवाड़ा में करीब 90 पैसे अधिक देने पड़ेंगे.

अगले महीने की स्थिति को लेकर भी भ्रम है क्योंकि सरकार ने इसके लिए कोई बजटीय प्रावधान नहीं किया है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के पिछड़े इलाकों-खासतौर पर विदर्भ एवं मराठवाड़ा के उद्योगों को राहत देने के लिए पिछली सरकार ने बिजली दरों में छूट देने का फैसला किया था.

31 मार्च को समाप्त हो रहे आर्थिक वर्ष के लिए 1200 करोड़ रु. का बजटीय प्रावधान हुआ था. निधि के समाप्त होने पर ऐसे में महावितरण ने मार्च में जारी होने वाले बिजली के बिलों में राहत को जारी रखने के 300 करोड़ रु. की मांग की थी. लेकिन राज्य सरकार ने यह पैसे जारी नहीं किए. ऐसें में उद्योग समस्या में फंस गए हैं.

उनका कहना है कि पिछले वर्ष के बजट में उनके लिए 1200 करोड़ रु. का बजटीय प्रावधान हुआ है. लेकिन इस वर्ष यह प्रावधान नहीं हुआ है. ऐसे में वे इस महीने सब्सिडी नहीं मिलने को भविष्य का संकेत मान रहे हैं.आधा महीने बीतने पर बिल विदर्भ में 3024 उद्योगों के पास एचटी कनेक्शन है. मराठवाड़ा में यह संख्या 2104 है. इसके अलावा एलटी लाइन से भी कई उद्योगों को सब्सिडी मिलती है. हर महीने चार तारीख को बिल मिल जाते हैं. लेकिन सब्सिडी के चक्कर में बिल बांटने का फैसला ही 16 तारीख को हुआ है.

महावितरण महावितरण ने इस मामले में हाथ झटकते हुए गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दी है. कंपनी का स्पष्ट कहना है कि राज्य सरकार से पैसे मिलने पर ही वह उद्योेगों को राहत देगी. निधि नहीं मिलने से मार्च में सब्सिडी नहीं दी गई है. राज्य सरकार से निधि मिलने पर उद्योगों को राहत जारी रखी जाएगी.

टॅग्स :उद्धव ठाकरे सरकारमहाराष्ट्र
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