World Chess Championship 2024: विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने के बाद डी गुकेश ने कहा मैं पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मेरा यह सपना पूरा हुआ। गुकेश ने लिरेन के बारे में कहा कि मेरे लिए डिंग असली विश्व चैंपियन हैं। मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं थोड़ा भावुक हो गया था, क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश के सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी।
गुकेश ने बृहस्पतिवार को यहां 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद कहा, ‘मैं बस अपना सपना जी रहा हूं’। गुकेश ने उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अपनी अविश्वसनीय जीत के बाद मितभाषी गुकेश ने कहा, ‘‘मैं पिछले 10 साल से इस पल का सपना देख रहा था।
मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। ’’ गुकेश ने कहा, ‘‘मैं छह-सात साल की उम्र से ही इस पल का सपना देख रहा था और इसे जी रहा था। हर शतरंज खिलाड़ी इस पल को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं।
मैं कैंडिडेट्स से चैंपियनशिप तक के सफर के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। ’’ इस भारतीय स्टार ने अपने प्रतिद्वंद्वी लिरेन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए डिंग एक विश्व चैंपियन है। वह एक सच्चे चैंपियन की तरह खेले। मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को धन्यवाद देना चाहता हूं। ’’
अपने माता-पिता के योगदान के बारे में गुकेश ने कहा, ‘‘उनके लिए विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने का सपना मेरे सपने से बड़ा है। ’’ लिरेन ने कहा, ‘‘मुझे यह महसूस करने में समय लगा कि मैंने बड़ी गलती की है। मुझे लगता है कि मैंने साल का अपना सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट खेला। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बेहतर कर सकता था लेकिन अंत में हार के बाद यह एक उचित परिणाम है। मुझे कोई पछतावा नहीं है। ’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गुकेश ने भारत को बेहद गौरवांवित किया है। मुर्मू ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी बनने पर गुकेश को हार्दिक बधाई। उन्होंने भारत को बहुत गौरवांवित किया है। उनकी जीत ने शतरंज महाशक्ति के रूप में भारत की साख को मजबूत किया है। बहुत बढ़िया गुकेश! हर भारतीय की ओर से मैं आपके भविष्य में भी गौरवशाली बने रहने की कामना करती हूं।’’
भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश के सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गुकेश डी को उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई, यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत, अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है। गुकेश की जीत ने न केवल उनका नाम शतरंज के इतिहास में दर्ज करा दिया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है।
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश बृहस्पतिवार को यहां रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने। गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर लिरेन के 6.5 के मुकाबले जरूरी 7.5 अंक के साथ खिताब जीता। यह बाजी हालांकि अधिकांश समय ड्रॉ की ओर जाती दिख रही थी। बृहस्पतिवार को गुकेश की खिताबी जीत से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे।
जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था।