World Chess Championship 2024: विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 जीतकर डी गुकेश ने इतिहास रच दिया। गुकेश सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए। रूस और चीन दीवार को तोड़कर नाम लिखा लिया। रूस के गैरी कास्परोव के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। महज 18 साल 8 महीने और 14 दिन का लड़का आज विश्व चैंपियन बन गया। भारत के डी गुकेश ने गुरुवार को सिंगापुर में 14वें दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर डी गुकेश को बधाई दी।
World Chess Championship 2024: सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन-
1. डी गुकेशः 18 साल 8 महीने 14 दिन, 12 दिसंबर 2024 '
2. गैरी कास्परोवः 22 वर्ष 6 महीने 27 दिन, 9 नवंबर 1985
3. मैग्नस कार्लसनः 22 वर्ष 11 महीने 24 दिन, 23 नवंबर 2013
4. मिखाइल तालः 23 वर्ष 5 माह 28 दिन, 7 मई 1960
5. अनातोली कारपोवः 23 वर्ष 10 महीने 11 दिन, 3 अप्रैल, 1975
6. व्लादिमीर क्रैमनिकः 25 वर्ष 4 महीने 10 दिन, 4 नवंबर 2000
7. इमानुएल लास्करः 25 वर्ष 5 महीने 2 दिन, 26 मई, 1894।
गुकेश ने बृहस्पतिवार को सिंगापुर में उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में खिताब जीता। गुकेश ने 7.5-6.5 के स्कोर से खिताब अपने नाम किया। इसके लिए गुकेश को 25 लाख डॉलर की इनामी राशि का बड़ा हिस्सा मिलेगा। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गुकेश ने भारत को बेहद गौरवांवित किया है।
मुर्मू ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी बनने पर गुकेश को हार्दिक बधाई। उन्होंने भारत को बहुत गौरवांवित किया है। उनकी जीत ने शतरंज महाशक्ति के रूप में भारत की साख को मजबूत किया है। बहुत बढ़िया गुकेश! हर भारतीय की ओर से मैं आपके भविष्य में भी गौरवशाली बने रहने की कामना करती हूं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुकेश की जीत ने ना केवल उनका नाम शतरंज के इतिहास में दर्ज कर दिया है बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऐतिहासिक और अनुकरणीय! डी गुकेश डी को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई।
यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय का परिणाम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनकी जीत ने ना केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।’’
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने बृहस्पतिवार को यहां 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद कहा, ‘मैं बस अपना सपना जी रहा हूं’। गुकेश ने उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
अपनी अविश्वसनीय जीत के बाद मितभाषी गुकेश ने कहा, ‘‘मैं पिछले 10 साल से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। ’’ गुकेश ने कहा, ‘‘मैं छह-सात साल की उम्र से ही इस पल का सपना देख रहा था और इसे जी रहा था।
हर शतरंज खिलाड़ी इस पल को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं। मैं कैंडिडेट्स से चैंपियनशिप तक के सफर के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। ’’ इस भारतीय स्टार ने अपने प्रतिद्वंद्वी लिरेन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए डिंग एक विश्व चैंपियन है। वह एक सच्चे चैंपियन की तरह खेले।
मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को धन्यवाद देना चाहता हूं। ’’ अपने माता-पिता के योगदान के बारे में गुकेश ने कहा, ‘‘उनके लिए विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने का सपना मेरे सपने से बड़ा है। ’’ लिरेन ने कहा, ‘‘मुझे यह महसूस करने में समय लगा कि मैंने बड़ी गलती की है। मुझे लगता है कि मैंने साल का अपना सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट खेला। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बेहतर कर सकता था लेकिन अंत में हार के बाद यह एक उचित परिणाम है। मुझे कोई पछतावा नहीं है। ’’ गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर खिताब जीतने के लिए जरूरी 7.5 अंक जुटाए जबकि लिरेन के नाम 6.5 अंक रहे। यह बाजी हालांकि अधिकांश समय ड्रॉ की ओर जाती दिख रही थी।
खिताब जीतने के लिए गुकेश को 25 लाख डॉलर की इनामी राशि का बड़ा हिस्सा मिलेगा। चेन्नई के गुकेश ने यहां ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी।
लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला।’’ जीत के बाद मितभाषी किशोर गुकेश के चेहरे पर बड़ी मुस्कान देखी जा सकती थी और उन्होंने जश्न में अपनी बाहें ऊपर उठाईं। बृहस्पतिवार को गुकेश की खिताबी जीत से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था।
गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने 2013 में मैग्नस कार्लसन को विश्व खिताब गंवा दिया था।
गुकेश ने कहा, ‘‘हर शतरंज खिलाड़ी इस सपने को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं।’’ गुकेश ने चार घंटे में 58 चाल के बाद लिरेन के खिलाफ 14वीं बाजी जीती और कुल मिलाकर 18वें विश्व शतरंज चैंपियन बने। यदि बृहस्पतिवार की बाजी भी ड्रॉ रहती तो विजेता का फैसला शुक्रवार को कम अवधि के टाईब्रेक में होता। गुकेश ने बृहस्पतिवार को निर्णायक बाजी से पूर्व तीसरे और 11वें दौर में जीत हासिल की थी जबकि 32 वर्षीय लिरेन ने शुरुआती बाजी के अलावा 12वीं बाजी अपने नाम की थी। अन्य सभी बाजियां ड्रॉ रही।