लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का "मन की बात" कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार प्रसारित होता है। आगामी 30 अप्रैल को 'मन की बात' कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे हो रहे हैं। पीएम मोदी का यह कार्यक्रम जहां सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का माध्यम बना है। वही जनता तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सियासी जमीन मजबूत करने का भी जरिया बना है।
ऐसे में योगी सरकार ने मन की बात कार्यक्रम के 110वें एपिसोड को भव्यता के साथ पूरे प्रदेश में प्रचारित प्रसारित करने का फैसला किया है। सीएम योगी मन की बात कार्यक्रम को चुनाव इवेंट के तौर पर सूबे में दिखाना चाहते हैं, ताकि निकाय चुनाव में उसका लाभ लिया जा सके। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने से निकाय चुनावों में भाजपा को लाभ होगा।
इस सोच के तहत अब मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड के प्रसारण को खास बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बूथ से विधानसभा स्तर तक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक के अनुसार मन की बात कार्यक्रम को जनता के बीच प्रसारित करने के लिए संगठनात्मक स्तर पर 55 हजार से अधिक स्थानों पर इसको जनता के साथ बैठकर सुनने की योजना तैयार की गई है। शहरी निकायों में बूथ स्तर पर इसका आयोजन होगा। वहीं, अन्य क्षेत्रों में हर विधानसभा में कम से कम 100 स्थानों पर मन की बात सुनने के कार्यक्रम होंगे।
इसके संयोजन के लिए स्थानीय विधायक/प्रत्याशी, जिला पदाधिकारी और आईटी कार्यकर्ता की टीम बनाई गई है. इसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों को भी हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। संगठनात्मक आयोजनों से इतर घर, परिवार व मोहल्ले के स्तर पर भी लोगों से 100वें एपिसोड से जुड़ने के लिए संवाद किया जा रहा है।
संगठनात्मक तैयारियों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी व प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल क्षेत्रवार बैठक भी कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि निकाय चुनाव के बीच हो रहे इस संवाद से शहर की सियासत साधा जाएगा। मन की बात कार्यक्रम के अब तक प्रसारित हुए 99 एपिसोड में यूपी के 60 लोगों को जगह मिल चुकी है। इसमें 9 साल के स्टूडेंट्स से लेकर किसान, उद्यमी, समाजसेवी सहित अलग-अलग विधाओं से जुड़े लोग शामिल हैं। 30 अप्रैल को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिक्र पाने वाले इन सभी लोगों को सम्मानित भी करेंगी।
ऐसे शुरू हुआ था "मन की बात" कार्यक्रम
'मन के बात' कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को काशी से सांसद नरेंद्र मोदी ने रेडियो के जरिए की थी। पहले एपिसोड में ही मोदी ने यूपी के गौतम पाल के अशक्तों के लिए अलग सुविधाओं के सुझाव को शामिल किया था। गौतम की बात बाद में नीतियों का हिस्सा बनी और विकलांग की जगह दस्तावेज में 'दिव्यांग' शब्द के इस्तेमाल की भी शुरुआत हुई। एक एपिसोड में कानपुर के अखिलेश वाजपेयी ने टिकट बुकिंग में आईआरसीटीसी वेबसाइट पर दिव्यांग कोटा प्रदर्शित करने का सुझाव दिया था, इसे भी अमल में लाया गया।
भाजपा नेताओं के अनुसार प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी से लेकर प्रयागराज तक की विशेषताओं को मोदी ने मन की बात में गिनाया हैं और पश्चिम से लेकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड और अवध तक के लोगों के अच्छे काम और सुझाव इस कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं।