चंडीगढ़: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह केस में पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी उपलब्धि लगी है। पुलिस ने होशियापुर से एक वकील समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अमृतपाल को शरण दी थी।
पुलिस के अनुसार, इनमें से दो व्यक्ति कथित तौर पर जालंधर जिले के हैं और एक होशियापुर के बाबक गांव का है। वारिस पंजाब डे का प्रमुख अमृतपाल सिंह 18 मार्च से ही फरार चल रहा है और अन्य-अन्य स्थानों पर अपना ठिकाना बदल रहा है।
गौरतलब है कि इस मामले में अभी तक किसी शीर्ष अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया है लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अपराध जांच एजेंसी ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिसने पूछताछ की जा रही है। वहीं, इससे पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था।
उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है क्योंकि पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब डे और उसके सदस्यों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की गई है।
ऐसे में पंजाब पुलिस लगातार मामले में कई आरोपियों को पकड़कर रही है। जानकारी के अनुसार, इससे पहले 10 अप्रैल को राजपुर भैया गांव के दो भाइयों को इस संदेह में गिरफ्तार किया गया था कि उन्होंने भगोड़ों को शरण दी थी वे पुलिस रिमांड में हैं।
गिरफ्तार किए गए पप्पलप्रीत सिंह को पुलिस असम के डिब्रूगढ़ लायी थी और उससे पिछले हफ्ते मंगलवार को खालिस्तान समर्थक संगठन के सात अन्य लोगों के साथ केंद्रीय जेल में रखा गया था।
दरअसल, वारिस पंजाब डे पर ये कार्रवाई तब शुरू हुई जब अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने जेल में बंद सहयोगी को रिहा करने के इरादे से पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन में भारी हंगामा किया था। अमृतपाल ने अपने समर्थकों के साथ अजनाला थाने पर दावा बोल दिया था।
इस हादसे में कई पुलिस वाले घायल हुए थे और पूरे इलाके में अराजकता फैल गई थी। इस प्रकरण के बाद से पंजाब में अमृतपाल और खालिस्तानी समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है।