हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटी रामाराव ने देश के गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि एक क्रिकेटर के पिता तेलंगाना का दौरा कर रहे हैं। राव की यह परोक्ष टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुनुगोड़े की जनसभा सहित राज्य भाजपा द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के संदर्भ में थी।
रामा राव ने आगे कहा कि तेलंगाना आने वाले गणमान्य अतिथि एक सज्जन के लिए अभियान चलाएंगे, जिसका भाई एक सांसद है। केटीआर ने यह बात मुनुगोडे विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा देने वाले राजगोपाल रेड्डी के संबंध में कहीष जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं और जब उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
केटीआर ने अपने ट्वीट में अमित शाह को घेरते हुए कहा, "वो एक ऐसे क्रिकेटर के पिता हैं, जो रैंकों से उपर उठकर अपनी योग्यता के आधार पर बीसीसीआई सचिव बने हैं। आज वो तेलंगाना का दौरा कर रहे हैं और वह एक ऐसे सज्जन के लिए प्रचार करेंगे, जिनका एक भाई सांसद है और जिनकी पत्नी एमएलसी चुनाव लड़ चुकी हैं और वो परिवारवाद पर व्याख्यान देकर हम लोगों का ज्ञानवर्धन करेंगे।"
इसके साथ ही केटीआर ने अलग ट्वीट करते हुए कहा कि तेलंगाना के लोग अमित शाह से सुनना चाहते हैं कि गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो मामले में दोषियों को रिहा करने का फैसला क्यों किया।
मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक के बाद तेलंगाना विजय का लक्ष्य बना रही है। इसी क्रम में कुछ महीनों पहले भाजपा कार्यकारिणी की बैठक भी तेलंगाना में ही आयोजित की गई थी। इस बीच बीते जुलाई में आये तेलंगाना के एक चुनावी सर्वेक्षण ने सत्ताधारी टीआरएस को परेशानी में डाल दिया है।
एएआरएए पोल स्ट्रैटेजिज प्राइवेट लिमिटेड के उस सर्वे में बताया गया था कि अगर आज तेलंगाना में चुनाव होते हैं तो टीआरएस के वोट शेयर में 8% तक की कमी आ सकती है। जबकि भाजपा के वोट शेयर में संभावित बढोतरी हो सकती है।
यही कारण हैं कि के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस और भाजपा इस समय आमने-सामने नजर आ रहे हैं। तेलंगाना विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा को महज 6.93 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन मौजूदा हालात में उसके वोट शेयर में 23.5 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
इस कारण केसीआर की सबसे बड़ी परेशानी है कि वो किसी तरह से भाजपा को अपने राज्य में रोकें लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा का शीर्ष नेतृत्व लगातार तेलंगाना दौरा कर रहा है और वहां की जनता को अपने पक्ष में लाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)