तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने सोमवार (8 अक्टूबर) को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया।
सीएम पलानीस्वामी के अनुसार वे गठबंधन को लेकर अपनी पार्टी का पत्ता तब खोलेंगे जब चुनावों को लेकर तारीखों का अंदाजा लग जाए। सामाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक उन्होंने कहा, "हम गठबंधन को लेकर कोई घोषणा तब करेंगे, जब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाए।"
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु पर इस बार दोनों ही प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी की नजर है। जयललिता के निधन बाद कांग्रेस ने भी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे।
साथ ही बीजेपी भी तमिलनाडु की दूसरी प्रमुख पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पर डोरे डालना शुरू कर चुकी है। पार्टी के बयोवृद्ध नेता एम करुणानिधि के निधन के बाद नवनियुक्त पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन लगातार बीजेपी नेतृत्व से संपर्क में हैं।
जबकि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जयललिता की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ी थी और 39 में से 37 सीटें जीतकर कांग्रेस की 44 सीटों के बाद तीसरे नंबर पर रही थी। जबकि इससे पहले के चुनाव में भी एआईएडीएम के ने 28 सीटें जीती थी।
इसलिए अभी यह पार्टी गठबंधन के लिहाज से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पार्टी है। हालांकि जयललिता के बाद पार्टी दो फाड़ों में बंट गई थी। इससे जरूर पार्टी के मजबूत वोट बैंक पर फर्क पड़ा है। खुद को जयललिता को उत्तराधिकारी बताने वाले दिनाकरण ने उप चुनाव में जयललिता की सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़कर जीता था।
कमल हासन और रजनीकांत भी बनेंगे फैक्टर
अपनी पार्टी का ऐलान कर चुके अभिनेता कमल हासन और राजनीति में आने की पूरी तैयारी कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत आगामी लोकसभा चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों के ही शुरुआती तेवर बीजेपी विरोधी दिखाई देते हैं। ऐसे में इस बार तमिलनाडु के चुनाव बेहद रोमांचक होने के आसार हैं।