नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट अभी दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को लेकर आईं याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, जिसमें यह कहा गया है पड़ोसी राज्यों से पराली लगातार जलाई जा रही है। लाइव लॉ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जज कौल जे ने कहा कि नवंबर में दिल्ली के प्रदूषण ने पिछले 6 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
कोर्ट की ओर से जज ने कहा कि हमारा काम ये नहीं है कि हम ये बताएं कि आप ये करें और न करें, बल्कि आप जो कर रहे हैं उसे अच्छी तरह से करें। फिर भी आप अपना काम नहीं कर पाते तो हम आपको टास्क देंगे।
लाइव लॉ की मानें तो, इसके साथ ही जो बेंच इस केस पर सुनवाई कर रही हैं, उसमें शामिल जज कौल जे ने कहा कि उनके भाई ने सलाह दी कि, जो भी पराली जला रहे हैं किसान, उनको चावल की पैदावार करने से रोक देना चाहिए। फिर धूलिया जे ने भी कहा यह मात्र एक सलाह है। एमएसपी को नियंत्रित करना काफी कठिन है। यह बहुत संवेदनशील मामला है। आप केवल उन व्यक्तियों को चुन सकते हैं, लेकिन शायद आप इसे एक नीति के रूप में नहीं लागू कर सकते।
एजी सिंह ने कहा कि कल तक, पंजाब में 6 जिले पूरी तरह से पराली जालने से मुक्त हो गए। सुप्रीम कोर्ट जज कौल जे ने दबाव डालते हुए कहा कि एमएसपी के आधार पर, पराली जलाने वाले किसानों से कुछ भी क्यों लिया जाना चाहिए? एजी सिंह ने भी कहा, अटॉर्नी जनरल जवाब दे सकते हैं।
सीनीयर वकील विकास सिंह ने कहा कि भोपाल गैस कांड का लंबे समय तक प्रभाव रहा, जिसकी तुलना आज के प्रदूषण से की जा सकती है। हमारे बच्चें 20 साल बाद इसके परिणाम झेलेंगे। फिर बेंच ने भी कहा, "कचरा खुले में जलाया जाना जारी है। यह यूपी और दिल्ली दोनों में एक बड़ी समस्या है।"