नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि रोमानिया की राजधानी बखारेस्ट से 198 भारतीय नागरिकों को लेकर आ रही चौथी उड़ान रविवार को भारत के लिए रवाना हो गयी है। यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के बाद भारत वहां फंसे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के साथ लगती सीमा चौकियों के जरिए निकाल रहा है।
इससे पहले इ। दूसरी उड़ान 250 नागरिकों को लेकर रविवार तड़के दिल्ली पहुंची। एअर इंडिया की तीसरी उड़ान करीब 240 भारतीय नागरिकों को लेकर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से दिल्ली रवाना हो गयी है।
भारत ने इस निकासी अभियान को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया है। जयशंकर ने ट्वीट किया, 'ऑपरेशन गंगा की चौथी उड़ान बुखारेस्ट से रवाना हो गयी है। भारत के 198 नागरिक दिल्ली लौट रहे हैं।' इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था, 'ऑपरेशन गंगा की तीसरी उड़ान 240 भारतीय नागरिकों को लेकर बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गयी है।'
वोलोदिमिर जेलेंस्की और पीएम मोदी के बीच कल हुई थी बातचीत
रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने शांति बहाली के प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता जताई। दूसरी ओर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को वहां फंसे अपने नागरिकों से हर वक्त अत्यधिक सावधानी बरतने और देश से बाहर निकलने के लिए उसके अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ने को कहा।
दूतावास ने अपने परामर्श में खास तौर से यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रह रहे नागरिकों को अपने मौजूदा निवास स्थान पर रहने और जितना संभव हो घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा, ‘अभी पूर्वी सेक्टर में रह रहे सभी लोगों से अगले आदेश तक अपने निवास स्थान पर ही शांतिपूर्वक रहने तथा जो भी भोजन, पानी और सुविधाएं उपलब्ध हो उनके साथ ही घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने व धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है।’
दूतावास ने सलाह दी कि अनावश्यक गतिविधि से लोग बचें। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा था कि यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रहते हैं और उनमें से करीब 4,000 पिछले कुछ दिनों में भारत लौटे हैं। ऐसे में समझा जाता है कि छात्रों सहित अभी भी वहां करीब 16 हजार भारतीय हैं। समझा जाता है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों में काफी छात्र शामिल हैं। कई छात्र खारकीव और कीव में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं। समझा जाता है कि इनमें से करीब 2,500 छात्र गुजरात के और 2,320 केरल के हैं।