नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बुधवार शाम को होने वाले फेरबदल व विस्तार से पहले कुछ मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर सहित 12 केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार किये। मंत्रियों डी वी सदानंद गौड़ा, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल 'निशंक', हर्षवर्धन के इस्तीफे राष्ट्रपति ने स्वीकार किए हैं। संतोष के गंगवार, बाबुल सुप्रियो, धोत्रे एस शामराव, रतन लाल कटारिया, प्रताप सी सारंगी, देबाश्री चौधरी इस्तीफा देने वाले 12 मंत्रियों में शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक और अन्य सहित मंत्रिपरिषद के 12 सदस्यों का इस्तीफा स्वीकार किया है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा, श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री देवश्री चौधरी प्रमुख हैं । सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि त्यागपत्र देने वाले मंत्रियों में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो भी शामिल हैं । एक सूत्र ने बताया कि निशंक ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है । निशंक अप्रैल में कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे । ठीक होने के बाद उन्हें जून में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) में दोबारा भर्ती होना पड़ा था ।
सूत्रों के अनुसार डा. हर्षवर्धन ने बुधवार को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया । डा. हर्षवर्धन स्वयं एक चिकित्सक हैं और उनके पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भी प्रभार था । सूत्रों ने बताया कि गौड़ा ने भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है। गौड़ा, नरेंद्र मोदी सरकार में सांख्यियकी एवं कार्यक्रम अनुपालन, विधि एवं रेल मंत्रालय का प्रभार भी संभाल चुके हैं । सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के अकोला संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने भी मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रताप सारंगी भी शामिल हैं, ओडिशा के बालासोर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं । राज्य मंत्री सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर अपने त्यागपत्र की पुष्टि करते हुए लिखा, ‘‘ मुझे इस्तीफा देने को कहा गया और मैंने ऐसा किया ।’’
उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया । ’’ समझा जाता है कि प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे सभी नेता, शाम छह बजे राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में, मंत्री पद की शपथ लेंगे।
प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यकाल में पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार करने वाले हैं। मौजूदा मंत्रिपरिषद में कर्नाटक के राज्यपाल बनाए गए केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत सहित कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में सदस्यों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है।