बीते दिन राज्यसभा में बाहरी लोगों को मार्शल बनाकर पेश करने और उनके द्वारा सांसदों द्वारा मारपीट के मामले में राज्यसभा सचिवालय के सुरक्षा सहायक राकेश नेगी बड़ा खुलासा किया है. सांसदों की सुरक्षा में तैनात राकेश नेगी ने बताया कि, 11 अगस्त 2021 को मुझे आरएस चैंबर के अंदर मार्शल की ड्यूटी करने के लिए डिटेल्ड किया गया था. इस दौरान सांसद एलमारन करीम और अनिल देसाई ने मार्शलों द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की थी.
इसके बाद राकेश नेगी ने बताया कि, सांसद सुरक्षा घेरा तोड़ रहे थे. हम वहां सुरक्षा में तैनात थे लेकिन इस दौरान एलमारन करीम ने मुझे सुरक्षा घेरा श्रृंखला से बाहर निकालने के लिए मेरी गर्दन पकड़ ली, जिससे एक पर के लिए मुझे घुटन हुई और मेरा दम घुट गया.
वहीं महिला सुरक्षा सहायक अक्षिता भट ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि, संसद में विरोध प्रदर्शन में लगे कुछ पुरुष सांसद मेरी ओर दौड़े और सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की. जब मैंने विरोध किया, तो सांसद छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम ने एक तरफ कदम बढ़ाया और पुरुष सांसदों को आक्रामक रूप से सुरक्षा घेरा तोड़ने और टेबल तक पहुंचने का रास्ता बनाया.
बता दें कि विपक्ष का आरोप है कि विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि बीते दिन राज्यसभा संसद सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों पर कथित तौर पर 'बाहरी मार्शलों' को बुलाया गया था. आरोप है कि इन लोगों ने सांसदों से मारपीट और बदसलूकी है.
राहुल गांधी ने इस मामले में सरकार को घेरा और कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब प्राइवेट मार्शलों को बुलवाकर सदन में सांसदों पर हमला करवाया गया. इस दौरान विपक्षी नेताओं ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च भी निकाला. इसके बाद उन्होंने सभापति वेंकैंया नायडू से मुलाकात इस मामले से उन्हें अवगत करवाया. हालांकि अब इस तरह एक राज्यसभा सचिवालय के सुरक्षा सहायक का अपने निदेशक को चिट्ठी लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के बाद इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं. जांच के बाद ही इस मामले की तस्वीरें साफ हो पाएगी.