विंडसर स्थित महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का मकान फ्रोगमोर कॉटेज, जो जब प्रिंस हैरी, उनकी पत्नी मेगन मर्केल और नन्हें मेहमान का घर बनने वाला है, कभी एक भारतीय मुंशी का मकान हुआ करता था.
भारत पर महारानी विक्टोरिया के शासन के दौरान फ्रोगमोर कॉटेज उनके भारतीय विश्वासपात्र और सहयोगी अब्दुल करीम तथा उनके परिवार का घर हुआ करता था. करीम महज 24 साल की उम्र में आगरा से लंदन गए थे.
वह 1887 में महारानी विक्टोरिया को उनके शासन के 50 साल पूरे होने के अवसर पर खास मोहर तोहफे में देने गए थे. महारानी अपने भारतीय विश्वासपात्र को 'मुंशी' कहतीं और उनके भारतीय जुबान उर्दू सीखती थीं.
'विक्टोरिया एंड अब्दुल : द एक्सट्रा ऑर्डिनरी ट्रू स्टोरी ऑफ क्वींस क्लोजेस्ट कांफिडेंट' की लेखिका शरबनी बसु का कहना है, ''महारानी विक्टोरिया ने इसे अब्दुल करीम को खास तोहफे के रूप में दिया था. वह अक्सर कॉटेज में जातीं और करीम तथा उनकी पत्नी के साथ चाय पीतीं.
उन्होंने तमाम सुंदर चीजों से कॉटेज को सजाया था, इसमें कई चीजें यूरोपीय राज परिवारों से मिली हुई थीं.'' महारानी विक्टोरिया और उनके भारतीय मुंशी करीम के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बनी है. इसे अकादमी पुरस्कारों के लिए नामित किया गया था.