नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ ने कहा कि संपर्क के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना सरकार का एक प्रमुख फोकस रहा है। उसके मुताबिक, लगभग 710 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए एकीकृत टर्मिनल भवन के शुरु हो जाने से इस केंद्रशासित प्रदेश में संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 40,800 वर्ग मीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, नया टर्मिनल भवन सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।
पोर्ट ब्लेयर हवाईअड्डे पर 80 करोड़ रुपये की लागत से दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त एप्रन का भी निर्माण किया गया है, जिससे हवाई अड्डे में अब एक समय में 10 विमानों की पार्किंग की जा सकती है। प्रकृति से प्रेरित हवाईअड्डे के टर्मिनल का वास्तुशिल्प डिजाइन समुद्र और द्वीपों को दर्शाते हुए एक शंख के आकार की संरचना जैसा दिखता है।
पीएमओ ने बयान में कहा कि भूमिगत जल टैंक में वर्षा जल संग्रहण, 100 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल को भूनिर्माण के लिए पुन: उपयोग के साथ साइट पर सीवेज उपचार संयंत्र और 500 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र टर्मिनल भवन की कुछ अन्य विशेषताएं हैं जो द्वीपों के पर्यावरण पर न्यूनतम नकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करते हैं।
इसे अंडमान और निकोबार के प्राचीन द्वीपों का प्रवेश द्वार बताते हुए पीएमओ कार्यालय के बयान में कहा गया है कि पोर्ट ब्लेयर पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है और विशाल नई एकीकृत टर्मिनल बिल्डिंग हवाई यातायात को बढ़ावा देगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने में मदद करेगी। बयान में कहा गया, "इससे स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।"
(भाषा इनपुट के साथ)