पटनाः मुंबई पुलिस में क्राइम ब्रांच के डीआईजी के पद पर पदस्थापित रहे शिवदीप वामनराव लांडे करीब पांच साल बाद वापस अपने कैडर बिहार लौट रहे हैं. बिहार में लांडे उन आईपीएस अफसरों में शामिल हैं जिनके नाम से अपराधी थर-थर कांपते हैं.
सुपरकॉप और सिंघम के नाम से चर्चित 2006 बैच के आइपीएस अधिकारी के बिहार वापस लौटने की खबर से आम लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार लांडे आठ दिसंबर को पटना लौटेंगे और अपना योगदान देंगे. इसके बाद सरकार उनके पदस्थापन की अधिसूचना जारी करेगी. वह पटना में सिटी एसपी रहने के अलावा अररिया और रोहतास में भी पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं.
पटना में लगभग दस महीने की सेवा में ही उन्होंने नकली कॉस्मेटिक उत्पाद विक्रेताओं सहित बडे-बडे दवा-माफियाओं, जाली नोट छापने वालों के खिलाफ, नकली दवा बेचने वालों के खिलाफ मुहिम चलाकर हड़कंप मचा दिया था. पांच वर्षों बाद अपने गृह राज्य महाराष्ट्र से प्रतिनियुक्ति की अवधि पूरा कर लौट रहे लांडे को जल्द ही बिहार पुलिस में कोई अहम ओहदा दिया जा सकता है.
लांडे अपने गृह राज्य में मुंबई एटीएस में डीआइजी के पद पर पदस्थापित थे. मुंबई में क्राइम ब्रांच में डीआईजी के पद पर काम करते हुए भी उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की. नारकोटिक्स विभाग की जिम्मेवारी को संभालते हुए लांडे ने कई माफियाओं को जमकर सबक सिखाया था. अब बिहार वापस लौट रहे शिवदीप लांडे को सरकार क्या जिम्मेदारी सौंपेगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
यहां बता दें कि रोहतास जिले के एसपी के पद पर पदस्थापन के दौरान उन्होंने बालू और पत्थर माफियाओं के खिलाफ एक मुहिम चलाकर सरकार के राजस्व की हानि होने से बचाया था. यही नहीं, उन्होंने कई पत्थर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था. जबकि अररिया में पदस्थापन के दौरान उन्होंने कई माफियाओं पर शिकंजे कस दिये थे.