पणजी: कोविड-19 के करीब 65,000 मरीजों में से केवल 300 को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी और उनमें से किसी की भी इस महामारी से मौत नहीं हुई है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी है।
आपको बता दें एक जिस तरीके से कोरोना के पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों में संक्रमित हो रहे थे और उन में से कई की मृत्यु भी हो गई है। ऐसे में आयुष मंत्रालय के सचिव का दावा है कि उनके अध्धयन में यह पाया गया है कि आयुर्वेद के उपयोग करने वाले मरीजों की एक भी मृत्यु नहीं हुई है और 65 हजार में से केवल 300 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
अध्धयन में क्या खुलासा हुआ है
आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने यहां जारी ‘नौवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एंड एक्सपो 2022’ में ‘नेशनल आयुष रिसर्च कंसोर्टियम’ के सत्र में कहा कि ये आंकड़े उनके मंत्रालय, सेवा भारती, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन सिद्ध (सीसीआरएस) और अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा एक लाख कोविड-19 रोगियों पर किए गए अध्ययन पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन मरीजों में से 65,000 लोग घरों पृथक-वास में थे और उनमें से केवल 300 को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी। यह आधे प्रतिशत से भी कम है, जबकि उस समय अस्पताल में भर्ती होने की दर 7-10 प्रतिशत थी।’’
आयुष में आगे की अनुसंधान बढ़ाने की है जरूरत- आयुष मंत्रालय सचिव
आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) से बड़ी अपेक्षाएं होने पर जोर देते हुए कोटेचा ने कहा कि प्रभावी परिणाम के लिए सभी पक्षों को एक साथ लाकर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ाने और कौशल की कमी को दूर करने की जरूरत है।