श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में पारंपरिक मार्ग पर मुहर्रम जुलूस की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुहर्रम जुलूस की अनुमति देने का आज का निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन यह अकेले में लिया गया निर्णय नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस सरकार को स्थिति पर भरोसा रखना चाहिए। या तो स्थिति सामान्य नहीं है, तो उन्हें दुनिया को यह बताना बंद कर देना चाहिए कि यह सामान्य है। सुप्रीम कोर्ट को यह बताना बंद करें कि स्थिति सामान्य है। क्योंकि अगर ये सामान्य है तो ईद की नमाज बंद मत करो, जामा मस्जिद में जुमे की नमाज बंद मत करो। धार्मिक नेताओं को उनकी धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारियां निभाने से न रोकें।"
उन्होंने आगे कहा, "मुहर्रम जुलूस की अनुमति देने का आज का निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन यह अकेले में लिया गया निर्णय नहीं होना चाहिए...मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमारे समय में स्थिति सामान्य थी। मैं आपको यह बताने वाला पहला व्यक्ति हूं कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो मेरे पास शासन करने के लिए एक असामान्य जम्मू-कश्मीर था।"
उमर अब्दुल्ला ने ये भी कहा, "हम सब कुछ करने में सक्षम नहीं थे। लेकिन फिर मैंने ईदगाह में नमाज़ पढ़ने की भी इजाजत दे दी...इसलिए आप यह तय नहीं कर सकते कि आपको कौन सी नमाज़ पसंद है और कौन सी पसंद नहीं।" भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि मौजूदा हालात में उन्हें कभी सीटें नहीं मिलेंगी। दरअसल, अगर आज चुनाव हो जाएं तो शायद दस सीटें भी पार नहीं कर पाएंगी।
उन्होंने कहा, "उनका राजनीतिक भविष्य इस बात से जुड़ा है कि वे जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं को कैसे विभाजित कर सकते हैं। और वे यही कर रहे हैं। लेकिन चुनाव आने दीजिए। मुझे यकीन है कि आप पाएंगे कि जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत समझदार हैं। वे उन्हें बांटने की इस तरह की साजिश नहीं होने देंगे।"