बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा है कि नरेन्द्र मोदी अब साम्प्रदायिक नहीं रहे और अब परिस्थितियां बदल गई हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमारी पुरानी सहयोगी रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर जो स्टैंड हमारा 1996 में था, आज भी वही है. इसके उदाहरण में उन्होंने कॉमन सिविल कोड और राम मंदिर का भी नाम लिया.
धारा 370 से नहीं होना चाहिए छेड़छाड़
नीतीश के मुताबिक राम मंदिर या तो कोर्ट के फैसले के बाद ही बनना चाहिए या तो आपसी सहमती से. वहीं उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का भी यही मत है कि धारा 370 से कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बीजेपी छोड़कर राजद के साथ गए, यह हमारी गलती थी और कुछ परिस्थितयां ऐसी बन गई थीं. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह नामकरण मेरा ही किया हुआ है इसलिए इससे मुझे कोई चिंता नहीं है. जब मैं रहा ही नहीं तो फिर किस बात का महागठबंधन.
2009 से बेहतर परिणाम होंगे
नीतीश कुमार ने कहा कि 2009 में एनडीए को 32 सीटें मिली थी और इस बार उससे से भी ज्यादा मिलेंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे लालू यादव से राजनीतिक मतभेद हैं लेकिन व्यक्तिगत मतभेद कुछ नहीं है.
नीतीश ने कहा कि जब मैंने आरजेडी से गठबंधन तोड़कर इस्तीफा दिया तो बीजेपी ने ऑफर दिया और मेरी पार्टी ने कहा कि इसको स्वीकार कर लीजिए. और मैंने बिहार की जनता के हित में मैंने भाजपा के साथ मिलकर फिर से सरकार बनायी.
नीतीश कुमार ने इसके साथ ही ये भी कहा कि शराबबंदी को लागू करने का नैतिक साहस हमने दिखाया. बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ भी हमने सामाजिक स्तर पर आन्दोलन चलाया है. नीतीश इस कार्यक्रम में अपने सरकार की तमाम उपलब्धियों को गिना रहे थे.