राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की नई सरकार में गुरुवार की शाम मंत्री पद की शपथ ली। मुंबई के दादर इलाके में स्थित शिवाजी पार्क में आज शाम शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें कौन सा विभाग मिलने की उम्मीद है, यह पूछे जाने पर भुजबल ने कह चुके हैं कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, “पवार साहेब समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता विभाग संबंधी मुद्दे पर फैसला करेंगे।” शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के मकसद से ‘महा विकास अघाड़ी’ मोर्चे के तहत साथ आई है।
छगन भुजबल की कहानीः सब्जी विक्रेता से उप-मुख्यमंत्री
छगन भुजबल का जन्म 15 अक्टूबर 1947 को नासिक में हुआ था। वो अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। बचपन में ही भुजबल के माता-पिता की मौत हो गई थी। छगन ने एक साक्षात्कार में बताया था कि रोज सुबह वो और उनके बड़े भाई बायकला सब्जी मंडी जाते थे और अपनी चाची के साथ मिलकर सब्जी बेचा करते थे।
60 के दशक में भुजबल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने शिवसेना ज्वॉइन करने का फैसला किया। ठाकरे की मदद से भुजबल पहले बीएमसी पार्षद और बाद में दो बार मुंबई के मेयर भी बने। साल 1985 में वो मझगांव से विधायक चुने गए।
साल 1990 में शिवसेना को अपेक्षित सीटें ना मिलने की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने शरद पवार को अपना राजनीतिक गुरू मानते हुए कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन कर ली। पवार ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी का गठन किया तो भुजबल उनके साथ जुड़ गए।
भुजबल के प्रयासों से उसी साल कांग्रेस-एनसीपी की सरकार बनी और उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। उनके पास गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी थी। भुजबल ने ही सामना में भड़काऊ बातें लिखने के लिए बाल ठाकरे को गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी।
साल 2016 में एनसीपी के कद्दावर नेता छगन भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें महाराष्ट्र सदन घोटाले में आरोपी बनाया गया था।