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अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के कर्ज होंगे माफ, गिरवी रखी जेवर, जमीन भी वापस दिलाएंगे सीएम कमलनाथ

By भाषा | Updated: August 9, 2019 18:57 IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चेतावनी दी कि अगर बगैर लाइसेंस के किसी ने अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा किया तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसे गैरकानूनी माना जायेगा।

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ठळक मुद्देप्रदेश के 89 अनुसूचित क्षेत्र विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे, डेबिट कार्ड देगी। आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जायेगा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को घोषणा की है कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर यहां आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कहा, प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। इसके लिए सरकार ने सभी औपचारिक व्यवस्थाएं कर ली है।15 अगस्त से माफ होंगे कर्ज-प्रदेश के सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में यह कर्ज 15 अगस्त तक माफ होना शुरू हो जाएंगे। उन्होंने साहूकारों से लिए कर्ज माफ करने के संबंध में कहा कि किसी आदिवासी ने कर्ज लेने के लिए अपने जेवर, जमीन गिरवी रखी है तो वह भी उन्हें वापिस होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में कोई साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी करेगा तो उसे लाइसेंस लेकर नियमानुसार धंधा करना होगा।मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर बगैर लाइसेंस के किसी ने अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा किया तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसे गैरकानूनी माना जायेगा और उनसे लिया गया यह कर्ज आदिवासी नहीं चुकाएंगे।उन्होंने कहा कि प्रदेश के 89 अनुसूचित क्षेत्र विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे, डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर दस हजार रुपये तक एटीएम से निकाल सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर हाट बाजार में एटीएम खोले जायेंगे। इस अवसर पर कमलनाथ ने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की भी जानकारी दी।उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिन भी आदिवासियों के वनाधिकार के प्रकरण खारिज हुए हैं, उनका पुनरीक्षण किया जायेगा और पात्र होने पर उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां भी वनाधिकार प्रकरण संबंधी आवेदन लं‍बित हैं उनका अभियान चलाकर निराकरण किया जायेगा।

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