दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों की प्रदान की जाने वाली शैक्षिक सहायता राशि (स्कॉलरशिप) को बंद किये जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की अगुवाई करने वाले खड़गे ने केंद्र के फैसले को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए सवाल किया है कि क्या छोटे बच्चों की शिक्षा के लिए दी जाने वाली स्कॉलरशिप को बंद करके सरकार अपने खजाने को भरना चाहती है।
इस मामले में ट्वीट करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपकी सरकार ने कक्षा 1 से कक्षा 8 के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद कर दी है। आखिर गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित करने का क्या मतलब है? गरीब छात्रों से यह पैसा छीनकर आपकी सरकार कितना कमाएगी या धन को बचाएगी?"
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या अल्पसंख्यक समुदायों से ताल्लुक रखने वाले कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों को सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर रोक लगा दी है। हालांकि इस फैसले के साथ सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं छात्रों के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप यथावत जारी रहेगी।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक सरकार अब केवल 9वीं और 10वीं कक्षा के एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को ही छात्रवृत्ति योजना का लाभ देगी। पहले केंद्र की ओर से कक्षा 1 से 8वीं तक के एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को भी स्कॉलरशिप दी जाती थी लेकिन केंद्र की ओर से उसे बंद कर दिया गया है।
इस संबंध में सरकार केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा जनजातीय मामलों के मंत्रालय की ओर से चलाई जाने वाली पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ केवल कक्षा 9वीं और 10वीं में पढ़ने वाले छात्रों को ही मिलेगा। इसी तरह 2022-23 से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केवल कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्र ही पात्र होंगे।