नई दिल्ली: झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे के साल 2009 और साल 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान दिए गए हवफनामें की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है।
तस्वीरें शेयर कर के महुआ ने कहा है , "माननीय सदस्य 2009 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक 37 साल के थे। 2014 के चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक वे 42 साल के हो गए। यानी उनका जन्म साल 1972 में हुआ था। इन दोनों ही हलफनामों के मुताबिक वे साल 1982 में मैट्रिक पास हो गए। यानी निशिकांत दुबे ने 10 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। क्या गजब की प्रतिभा है। हम गरीब तो बस ऐसा ख्वाब ही देख सकते हैं।"
बता दें कि इससे पहले निशिकांत दुबे के खिलाफ चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने भी इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर से की है।
बता दें कि निशिकांत दुबे झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद हैं और सदन में मुखर रहने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में राहुल गांधी के खिलाफ सदन में अडानी मुद्दे पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस देकर निशिकांत दुबे चर्चाओं में आए थे। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर कई आरोप लगाए थे जिसे तथ्यहीन बताते हुए निशिकांत दुबे ने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
महुआ मोइत्रा के ट्वीट पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। एक यूजर ने लिखा कि सांसद जी ने महज़ 10 वर्ष की आयु में ही “हाईस्कूल” पास कर लिया। “अब देश “विश्व गुरु” जरूर बनेगा। एक अन्य यूजर ने लिखा कि झूठा हलफनामा देकर अपराध करने में कोई हिचकिचाहट नहीं क्योंकि भारत में आप इसे बिना दंड के अंजाम दे सकते हैं। यहां तक कि चुनाव आयोग भी इसे माफ कर सकता है।