अहमदाबाद: गुजरात में दो बार एसोसिएशनों ने फैसला किया है कि वे मोरबी पुल दुर्घटना मामले में गिरफ्तार आरोपियों का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। मोरबी बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एसी प्रजापति ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन दोनों ने प्रस्ताव पारित किया है कि उनके वकील ओरेवा कंपनी के नौ आरोपियों का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।
अहमदाबाद स्थित ओरेवा समूह जनता के लिए फिर से खोले जाने के कुछ दिनों बाद पुल गिरने के बाद रडार पर आ गया है। जहां एक ओर भीड़भाड़ को हादसे का कारण बताया गया तो वहीं अब यह पता चला है कि मरम्मत का काम ठीक से नहीं किया गया था। मंगलवार को अदालत में अभियोजन पक्ष ने बताया कि जहां पुल के फर्श की मरम्मत की गई, वहीं केबल की मरम्मत नहीं की गई और इसलिए फर्श के दबाव में केबल टूट गई।
मरम्मत के बाद फर्श अपने आप भारी हो गया। इसके अलावा छठ पूजा के मौके पर भी भीड़ उमड़ी। ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल ने 26 अक्टूबर को मरम्मत कार्य के बाद पुल को जनता के लिए खोल दिया था, जिसके कारण पुल लगभग आठ महीने तक बंद रहा था। पटेल ने बताया कि ओरेवा ने विशेषज्ञों की मदद से नवीनीकरण के लिए 2 करोड़ रुपये खर्च किए। और चार दिन बाद पुल गिर गया।
इस मामले में ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों, पुल की मरम्मत करने वाले दो उप ठेकेदार, सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रबंधकों और उप-ठेकेदारों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि बाकी न्यायिक हिरासत में हैं।