Karnataka Assembly Election: कर्नाटक में सभी 224 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है। जी न्यूजऔर मैट्रिज के एग्जिट पोल के अनुसार, कर्नाटक में कांग्रेस को 103-118 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि बीजेपी को 79-94 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, जेडीएस को 25-33 सीटें मिलने की संभावना है। अन्य के खाते में दो से पांच सीटें जा सकती हैं। टीवी9 भारतवर्ष और पोलस्ट्रैट एग्जिट पोल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 से 109 सीटें, भाजपा को 88से 98 सीटें, जेडीएस को 21-26 सीटें मिलती दिख रही हैं।
एशियानेट जन की बात ने अपने एग्जिट पोल में कर्नाटक में भाजपा को बढ़त हासिल करने की संभावना जताई है। इसने, राज्य में भाजपा को 94 से 117 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 91 से 106 सीटें मिल सकती हैं।
आजतक एक्सिस माई इंडिया के एक्जिट पोल के अनुसार मध्य कर्नाटक में कांग्रेस को 23 में से 12 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, बीजेपी के खाते में 10 सीटें आ सकती हैं। बेंगलुरु शहरी रीजन में यहां की 28 में से 17 सीटें कांग्रेस की झोली में जा सकती हैं। बीजेपी को यहां से 10 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, जेडीएस के खाते में यहां भी 1 ही सीट जाती दिख रही है। कर्नाटक के हैदराबाद रीजन की बात की जाए तो कांग्रेस को 40 में से 32 सीटें मिल सकती है। भाजपा के खाते में 7 सीटें जाने का अनुमान है। वहीं, जेडीएस को यहां से भी 1 सीट मिल सकती है। बॉम्बे-कर्नाटक रीजन की 50 सीटों में से कांग्रेस को 28, बीजेपी को 21 और जेडीएस को एक सीट मिलती दिख रही है। ये लिंगायत बहुल क्षेत्र है।
यानी कि मध्य कर्नाटक, बेंगलुरु शहरी रीजन, बॉम्बे-कर्नाटक रीजन और हैदराबाद रीजन वो क्षेत्र हैं जहां कांग्रेस ने बाजी मारी है। भाजपा तटीय इलाके में आगे दिख रही है। तटीय इलाके में बीजेपी को 19 में से 16 सीट मिलती दिख रही हैं।
चुनाव लड़ने वालों में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, जेडीएस के मुखियाा एचडी कुमारस्वामी जैसे कई दिग्गज शामिल हैं और सबका भविष्य अब ईवीएम में बंद हो गया है। मतगणना 13 मई को होगी। कर्नाटक में 2615 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य में 5.3 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं, इनमें 11.71 लाख वोटर्स पहली बार मतदान कर रहे हैं। राज्य में 2.66 करोड़ पुरुष और 2.63 करोड़ महिलाएं हैं। जबकि 5.71 लाख से ज्यादा दिव्यांग वोटर्स हैं। कर्नाटक में अभी बीजेपी की सरकार है। बीजेपी हर 5 साल में सत्ता बदलने वाले 38 साल पुराने ट्रेंड को तोड़ना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस इस बार बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का दावा कर रही है। जेडीएस को उम्मीद है कि 2018 की तरह एक बार फिर पार्टी किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है।