सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित कर दी गई। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमए शांतगौडार ने मंगलवार को इस मामले पर याचिकाकर्ताओं और महाराष्ट्र सरकार के पक्ष सुने। जस्टिस मिश्रा ने माना कि यह एक ऐसा मामला है जहां उन्हें सबकुछ देखना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि जज लोया की मौत से संबंधित दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को मुहैया करवाए जाएं। महाराष्ट्र सरकार ने मौत से जुड़े सभी दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए हैं। हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख की घोषणा नहीं की है। बता दें कि याचिका महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोने और कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला ने दाखिल की है। पूनावाला ने अपनी याचिका में जज लोया की मौत को संदिग्ध और रहस्यमयी माना है।
जज बीएच लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 नागपुर में हुई थी। उस दौरान वो सोहराबुद्दीन शेख के 'फर्जी एनकाउंटर' केस की सुनवाई कर रहे थे जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आरोपी बनाया गया था। बाद में सीबीआई कोर्ट से ही अमित शाह को बाइज्जत बरी कर दिया।