दिल्ली में जल संकट के बीच हिमाचल प्रदेश सरकार का यू-टर्न, कहा- दिल्ली के साथ साझा करने के लिए अधिशेष नहीं है

By मनाली रस्तोगी | Published: June 13, 2024 01:35 PM2024-06-13T13:35:39+5:302024-06-13T13:39:29+5:30

यू-टर्न लेते हुए हिमाचल सरकार के वकील ने आज अदालत को बताया कि सिंचाई के उपयोग और नदी के प्रवाह के प्राकृतिक मार्ग के हिस्से के बाद 137 क्यूसेक पानी का उपयोग नहीं किया गया था।

Himachal Pradesh's U-Turn Amid Water Crisis Says Don't Have Surplus To Share With Delhi | दिल्ली में जल संकट के बीच हिमाचल प्रदेश सरकार का यू-टर्न, कहा- दिल्ली के साथ साझा करने के लिए अधिशेष नहीं है

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsअब हिमाचल प्रदेश अपने बयान से पलट गया है।हिमाचल प्रदेश ने पिछला बयान वापस लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है।हिमाचल सरकार के वकील ने माफी मांगी और कहा कि वे एक हलफनामा दाखिल करेंगे और अपनी पिछली प्रतिक्रिया वापस लेंगे।

नई दिल्ली:दिल्ली बढ़ती गर्मी के बीच जल संकट से जूझ रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल छोड़ने का निर्देश दिया था और हरियाणा से कहा था कि वह पानी के प्रवह को सुगम बनाए। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि राज्य ने दिल्ली के लिए पानी छोड़ दिया है, लेकिन यह हरियाणा से होकर राष्ट्रीय राजधानी तक जाएगा।

हालांकि, अब हिमाचल प्रदेश अपने बयान से पलट गया है। हिमाचल प्रदेश ने पिछला बयान वापस लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है। यू-टर्न लेते हुए हिमाचल सरकार के वकील ने आज अदालत को बताया कि सिंचाई के उपयोग और नदी के प्रवाह के प्राकृतिक मार्ग के हिस्से के बाद 137 क्यूसेक पानी का उपयोग नहीं किया गया था। 

उन्होंने कहा, "हम इसे पहले ठीक से नहीं बता सके। हमारा सही बयान रिकॉर्ड पर आ सकता है। हो सकता है कि हमने पहले गलती की हो, लेकिन मुझे जानकारी दे दी गई है। मैं सुधार करूंगा और पहले दिए गए बयान को वापस ले लूंगा कि प्रवाह बाधित हुआ था।" इस पर अदालत की ओर से चेतावनी दी गई। इसमें कहा गया, ''हम आपको अवमानना ​​के आरोप में दोषी ठहरा सकते हैं और आपके मुख्य सचिव को तलब कर सकते हैं।"

हिमाचल सरकार के वकील ने माफी मांगी और कहा कि वे एक हलफनामा दाखिल करेंगे और अपनी पिछली प्रतिक्रिया वापस लेंगे। इस बीच ने दिल्ली सरकार को शाम पांच बजे तक ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड’ को मानवीय आधार पर पानी की आपूर्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि 'अपर यमुना रिवर बोर्ड' शुक्रवार को बैठक बुलाए और दिल्ली सरकार के जलापूर्ति आवेदन पर जल्द से जल्द निर्णय ले।

Web Title: Himachal Pradesh's U-Turn Amid Water Crisis Says Don't Have Surplus To Share With Delhi

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