NEET Controversy LIVE: नीट-यूजी परीक्षा में 24 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल, अनियमितता को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन, यहां देखें 6 मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 14, 2024 14:07 IST2024-06-14T14:05:46+5:302024-06-14T14:07:48+5:30

NEET Controversy LIVE:  नीट-यूजी को लेकर आरोप लगे हैं कि कुछ छात्रों के अंक बढ़ाए गए और इस वजह से ही इस बार रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने पूरे अंकों साथ शीर्ष रैंक हासिल की है।

NEET Controversy LIVE 24 lakh candidates appeared in NEET-UG exam protests country irregularities see 6 important things here So far 13 people arrested in connection | NEET Controversy LIVE: नीट-यूजी परीक्षा में 24 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल, अनियमितता को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन, यहां देखें 6 मुख्य बातें

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HighlightsNEET Controversy LIVE: 1500 से अधिक छात्रों को दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क) भी सवालों के घेरे में हैं। NEET Controversy LIVE: मामले के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।NEET Controversy LIVE: परीक्षा के उत्तर लिखने के लिए पूरे 3 घंटे और 20 मिनट नहीं मिले।

NEET Controversy LIVE: चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक’ (नीट-यूजी) में इस बार 24 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। यह परीक्षा कई अनियमितताओं के आरोपों को लेकर विवाद से घिर गई और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन तथा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।

अब तक पूरे मामले में क्या हुआ है, उसका विवरण इस प्रकार है:

1. कथित अनियमितताएं: नीट-यूजी को लेकर आरोप लगे हैं कि कुछ छात्रों के अंक बढ़ाए गए और इस वजह से ही इस बार रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने पूरे अंकों साथ शीर्ष रैंक हासिल की है। पिछले साल, दो छात्र अव्वल आए थे। छात्र आरोप लगा रहे हैं कि कई उम्मीदवारों के अंक बेतरतीब ढंग से कम या ज्यादा कर दिए गए हैं, जिससे उनकी रैंक प्रभावित हो रही है।

छह केंद्रों पर परीक्षा में देरी के कारण हुए समय के नुकसान की भरपाई के लिए 1,500 से अधिक छात्रों को दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क) भी सवालों के घेरे में हैं। परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के भी आरोप लगे हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले महीने कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि नीट-यूजी के प्रश्न पत्र और उत्तर 5 मई को होने वाली परीक्षा से पहले ही लगभग 35 उम्मीदवारों को दे दिए गए थे। मामले के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

2. छात्रों को कृपांक क्यों दिए गए? मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ में कम से कम छह परीक्षा केंद्रों के छात्रों ने परीक्षा के दौरान समय बर्बाद होने की शिकायत की थी। इन स्थानों पर, छात्रों को प्रशासनिक कारणों से परीक्षा के उत्तर लिखने के लिए पूरे 3 घंटे और 20 मिनट नहीं मिले। इन कारणों में गलत प्रश्नपत्र, फटी हुई ओएमआर शीट का वितरण या ओएमआर शीट के वितरण में देरी शामिल हैं।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा गठित एक समिति ने मामले की जांच की और उम्मीदवारों को होने वाले समय के नुकसान की भरपाई के लिए 2018 के एक फैसले में शीर्ष अदालत द्वारा तैयार और अपनाए गए फॉर्मूले का उपयोग करने का विकल्प चुना। समय की हानि का पता लगाया गया और ऐसे उम्मीदवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में कृपांक दिए गए।

3. आरोपों पर एनटीए का रुख: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कहा है कि परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया है। उसने परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रहने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने की वजहों में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और प्रदर्शन मानकों में वृद्धि को गिनाया।

अधिकारियों के अनुसार, उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत फॉर्मूले के अनुरूप समय की हानि की भरपाई के लिए 1,563 उम्मीदवारों को कृपांक दिए गए हैं। जिन 67 अभ्यर्थियों को 720 में से 720 अंक मिले, उनमें से 44 को भौतिक विज्ञान की एक उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण इतने अंक मिले और छह को समय की हानि की क्षतिपूर्ति के लिए दिए गए कृपांक के कारण पूरे अंक मिले।

इस समायोजन का उद्देश्य एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में विसंगतियों को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि उम्मीदवारों को तथ्यात्मक विसंगतियों के कारण नुकसान न हो। नीट-यूजी में अनुचित साधनों का उपयोग करने के 63 मामले सामने आए, जिनमें से 23 छात्रों को अलग-अलग अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

4. शिक्षा मंत्रालय का रुख: मंत्रालय ने छात्रों को दिए गए कृपांक की समीक्षा के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं है और एनटीए में भ्रष्टाचार के दावे निराधार हैं।

5. राजनीतिक घमासान: कांग्रेस नीट परीक्षा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग कर रही है और इस बात पर जोर दे रही है कि इस मामले पर देश में दिखाई दे रहा गुस्सा ‘संसद के अंदर भी गूंजेगा।’ शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एनटीए का बचाव करने के लिए शिक्षा मंत्री को आड़े हाथ लिया और दावा किया कि बिहार पुलिस की जांच में पेपर लीक होने की बात पता चली है।

महाराष्ट्र सरकार ने परीक्षा को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि इसके परिणामों से राज्य के छात्रों के साथ अन्याय हुआ है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि नीट के नवीनतम परिणामों से मिल रहे रुझानों ने एक बार फिर परीक्षा का विरोध करने के द्रमुक के रुख को सही साबित कर दिया है। उन्होंने अपनी यह बात दोहराई कि यह प्रवेश परीक्षा सामाजिक न्याय और संघवाद के खिलाफ है। आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस ने भी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है।

6. उच्चतम न्यायालय का रुख: शीर्ष अदालत ने नीट-यूजी, 2024 की शुचिता प्रभावित होने की बात का संज्ञान लिया लेकिन प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। एनटीए की विशेषज्ञ समिति ने न्यायालय को बताया कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट-यूजी परीक्षा के 1,563 अभ्यर्थियों को कृपांक देने का फैसला निरस्त कर दिया गया है।

उन्हें 23 जून को पुन: परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। उसने कहा कि यदि उम्मीदवार पुन: परीक्षा नहीं देना चाहेंगे तो उन्हें दिए गए कृपांक कम करके पहले के अंकों के आधार पर परिणाम घोषित किया जाएगा। पुन: परीक्षा के नतीजे 30 जून को आएंगे और काउंसलिंग छह जुलाई को शुरू होगी। भाषा वैभव मनीषा मनीषा

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