रांची: झारखंड में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट जीत लिया है। फ्लोर टेस्ट में सोरेन को 47 विधायकों ने अपना समर्थन दिया। जबकि 29 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। इससे पहले राज्य में नवगठित चंपई सोरेन सरकार ने आज 81 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत मांगा। यह महत्वपूर्ण फ्लोर टेस्ट प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद आया है। बता दें कि खरीद-फरोख्त से बचने के लिए हैदराबाद में मौजूद झामुमो विधायक रविवार रात रांची लौट आए थे।
कार्यवाही की शुरुआत में चंपई सोरेन ने सदन को संबोधित किया और कहा कि भाजपा पूरे देश में लोकतंत्र को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “आज पूरा देश देख रहा है कि कैसे हेमंत सोरेन के साथ अन्याय हो रहा है। आप किसी भी गांव में जाएं, आपको हर घर में हेमंत सोरेन की योजनाएं मिलेंगी। मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हेमंत सोरेन का पार्ट-2 हूं।”
फ्लोर टेस्ट में भाग लेने के लिए अदालत से अनुमति प्राप्त करने वाले हेमंत सोरेन ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा डरेगा नहीं, और आदिवासियों, दलितों और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा। उन्होंने राज्य के राज्यपाल पर उनकी गिरफ्तारी में शामिल होने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता प्रदीप यादव ने भी विधानसभा में चंपई सोरेन सरकार को अपनी पार्टी का समर्थन जताया। सीपीआई (एमएल) नेता विनोद कुमार सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित इस्तेमाल के खिलाफ बात की। मनोनीत एंग्लो-इंडियन विधायक ग्लेन जोसेफ गैलस्टौन ने भी चंपई सोरेन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने भाजपा पर सभी अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया।