देवघर: झारखंड के देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर रोपवे में कुछ केबल कारों के आपस में टकरा जाने से हुए हादसे में एक महिला की मौत हो गई है। वहीं अब भी कई लोग रोपवे पर फंसे हुए जिन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि दो Mi-17 होलीकॉप्टर को भी बचाव अभियान में लगाया गया है।
अधिकारियों के अनुसार रोपवे पर 12 केबिन में कम से कम 48 लोग अभी भी फंसे हुए हैं जबकि हादसे के करीब 16 घंटे हो चुके हैं। आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम भी बचाव में जुटी है। इससे पहले कल 11 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था।
यह हादसा रविवार को हुआ था। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप केबल कारों की टक्कर हुई। हालांकि हादसे के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को भी बचाव अभियान के लिए मौके पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी बचाव अभियान में एनडीआरएफ की मदद कर रहे हैं।
दूसरी ओर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को सूचित कर एनडीआरएफ की टीमों को तैनात करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, 'मैं मामले का तुरंत संज्ञान लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को धन्यवाद देता हूं।'
झारखंड टूरिज्म का कहना है कि त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। बाबा बैद्यनाथ मंदिर से लगभग 20 किमी दूर स्थित रोपवे लगभग 766 मीटर लंबा है, जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है। इस रोपवे में 25 केबिन हैं। प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं।