Haryana Assembly polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। सिरसा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। जांगड़ा ने कहा कि मैंने सिरसा विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कहा कि यह पार्टी का फैसला है और रोहताश जांगड़ा ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। मुख्य उद्देश्य राज्य को कांग्रेस की झूठ और धोखे की राजनीति से दूर रखना है। पिछले 45 वर्षों से बीजेपी की सेवा कर रहे हैं। आगे की रणनीति तय की जाएगी।
संकेत मिलता है कि भाजपा द्वारा हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के प्रमुख गोपाल कांडा को समर्थन दिये जाने की संभावना है। कांडा, सिरसा से मौजूदा विधायक हैं और उन्होंने पूर्व में भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया था। जांगड़ा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
यह निर्णय राज्य और देश के हित में लिया गया है...हमें ‘कांग्रेस मुक्त हरियाणा’ सुनिश्चित करना है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कांडा के पक्ष में अपना नामांकन वापस लिया है, जांगड़ा ने कहा, ‘‘गोपाल कांडा ने पांच साल तक हमारा (भाजपा का) समर्थन किया है। हमने यह फैसला सिरसा के विकास के लिए लिया है।’’
कांग्रेस की तरह भाजपा भी अब राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 89 पर ही चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने भिवानी सीट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लिए छोड़ी है। पिछले सप्ताह, भाजपा ने हरियाणा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी और अंतिम सूची जारी की थी, जिसमें पार्टी ने जांगड़ा को सिरसा से प्रत्याशी बनाया था।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सिरसा में कांडा को समर्थन दे रहा है। इनेलो, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठजोड़ के तहत विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होना है और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी। सत्तारूढ़ भाजपा जीत की ‘हैट्रिक’ बनाने की कोशिश में जुटी है, लेकिन उसे कांग्रेस पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है।