पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित गंगासागर में हर साल लाखों श्रद्धालु दुनिया भर से मोक्ष की कामना लेकर आते हैं। लाखों की इस भीड़ में कई बार लोग अपने परिजनों से बिछड़ जाते हैं, लेकिन इस बार इस समस्या से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल अमेचर रेडियो क्लब के हैम रेडियो ऑपरेटर्स ने एक खास तैयारी की है। इन हैम्स ने एक ऐसी वेबसाइट बनाई है जिससे कोई भी व्यक्ति अपने खोए हुए परिजन को बेहद आसानी से ढूंढ सकता है।
अपनों के खो जाने पर अपनाये यह तरीकाइसकी वेबसाइट www।myham.in पर जाकर पहले व्यक्ति को अपना नाम, पता, मोबाइल जैसी सामान्य जानकारी देकर रजिस्टर करना होगा। इसके बाद हर रजिस्टर करने वाले व्यक्ति को एक डॉकेट नंबर मिलेगा। यही डॉकेट नंबर आपकी पहचान होगा, जो खो जाने पर आपको ढूंढने में मदद करेगा। मान लीजिए आप खो गए हैं तो आप वहां कार्यरत संस्थाओं को अपना डॉकेट नंबर देकर अपनी डिटेल लोकेशन के हिसाब से वेबसाइट पर अपडेट करवा सकते हैं या खुद भी कर सकते हैं। अगर आप डॉकेट नंबर भूल भी जाते हैं तो अपना रजिस्टर मोबाइल नंबर डाल कर भी तलाश कर सकते हैं।
यह है इसकी खासियतइस वेबसाइट की खासियत ये है कि इसे कम सिग्नल पर भी आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एमेच्योर रेडियो, सिक्स सिग्मा के डॉक्टर्स और कई समाज सेवी संस्थाएं वेस्ट बंगाल अमेचर रेडियो क्लब (WBRC) की मदद कर रही हैं।
किसी के खो जाने पर यह करेंमेले में कोई व्यक्ति कहीं खो गया है, तो वह नजदीकी समाज सेवी संस्था या पुलिस के पास जाकर इस वेबसाइट पर रजिस्टर करवा सकता है। इसके बाद उसके परिजन उसे कहीं भी रहकर ट्रैक कर पाएंगे। इस वेबसाइट पर गंगासागर के आस-पास के डॉक्टर्स को बीमारों और तमाम संस्थाओं को मिलने वाले खोए हुए लोगों की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है।
वेबसाइट में दर्ज हैं अन्य जरूरी जानकारी10 से 16 जनवरी 2018 से होने जा रहे इस मेले के कार्यक्रम की पूरी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। इतना ही नहीं कचुबेरिया, लॉट नंबर 8, नामखाना, बेनुबन, चेमागुड़ी, सागर मेंला ग्राउंड में तैनात तमाम सुरक्षा अधिकारियों और संस्थाओं के फोन नंबर भी उपलब्ध हैं। इन सभी स्थानों पर प्रशासन की ओर से वाई-फाई जोन की भी व्यवस्था करवाई गई है।
अपनी तरह का पहला प्रयोगरेडियो क्लब के अध्यक्ष आंबरीश विश्वास ने बताया कि यह इस साल मेले में किया जा रहा अपनी तरह का पहला प्रयोग है और इससे लोगों को अपने परिजनों को ढूंढने में काफी आसानी होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए 8 जनवरी से वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।