पटनाः जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस में शामिल हो गए. इस बीच उनको लेकर एक दिलचस्प बात सामने आई है. कन्हैया कुमार के कांग्रेस का दामन थामने से पहले उनके समर्थकों ने पटना के सीपीआई दफ्तर से एसी खोल लिया.
बताया जा रहा है कि दफ्तर में एसी कन्हैया कुमार ने अपने पैसे से लगवाए थे, जो उनके समर्थकों ने अब खोल लिया है. इस संबंध में भाकपा नेता का कहना है कि कन्हैया पटना स्थित कार्यालय के कमरे में बैठते थे, वहां से वह एसी निकालकर ले गये. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कन्हैया कुमार ने अपने और अपने लोगों के लिए प्रदेश कार्यालय में अपने कमरे में एक एयर कंडीशनर (एसी) लगवाया था.
लेकिन उनके कांफ़्रेस में जाने की प्रक्रिया शुरू होते ही पटना के भाकपा दफ्तर अजय भवन से कन्हैया कुमार के समर्थकों ने एसी उतार लिया. यह एसी कन्हैया कुमार के चेंबर में लगाया गया था. राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने मीडिया को बताया है कि कन्हैया कुमार अपने पैसे से एसी लगवाए थे, अब वो उतार कर ले गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एसी ले जाने के लिए इजाजात भी मांगी, तो पार्टी के नेतआओं ने कहा कि यह आपकी ही संपत्ति है, आप इसे ले जा सकते हैं. कन्हैया कुमार ने अपनी पार्टी के प्रमुख से कहा कि उन्होंने कहीं और कमरा ले लिया है, जहां वे इस एसी को लगाएंगे. रामनरेश पांडेय ने कहा कि वह एसी भाकपा की तरफ से नहीं खरीदा और लगवाया गया था.
इसलिए वे ले गये तो उन्हें पार्टी की ओर से नहीं रोका गया. रामनरेश पांडेय ने बताया कि कन्हैया कुमार को प्रदेश कार्यालय में एक कमरा मिला था. वैसे, कन्हैया कुमार पर इसी अजय भवन यानि भाकपा दफ्तर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दुर्व्यवहार और गाली-गलौज का भी आरोप लगा था.
राज्य कमेटी की ओर से ये कहा गया था कि कन्हैया कुमार और उनके समर्थकों ने पार्टी दफ्तर में आकर वरीय नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया. इसकी शिकायत केंद्रीय नेतृत्व से की गई थी. इसके बाद हैदराबाद में राष्ट्रीय कमेटी की बैठक में बकायदा कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था.
बताया जा रहा है कि कन्हैया कुमार इसके बाद से ही भाकपा से अलग-थलग रहने लगे. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कन्हैया कुमार को बिहार कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. कांग्रेस पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद से ही नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी में जुटी है. बताया जा रहा है कि बिहार कांग्रेस में कन्हैया कुमार के शामिल होने के बाद भारी फेरबदल किया जा सकता है.
कांग्रेस बिहार में अपनी पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कन्हैया का सहारा लेना चाहती है. लेकिन ऐसी तैयारी सीपीआई ने भी की थी. इसके तहत की पिछले लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार के गृह क्षेत्र बेगूसराय से उन्हें पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन भाजपा के गिरिराज सिंह ने उन्हें सवा चार लाख वोटों से हराया था.
कन्हैया कुमार सीपीआई के लिए दूसरे किसी क्षेत्र में भी कोई प्रभाव नहीं डाल सके थे. बेगूसराय में भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा मानी जाती रही है और कन्हैया कुमार भी भूमिहार जाति से ही ताल्लुक रखते हैं. वहीं बिहार कांग्रेस के नेता का कहना है कि कन्हैया के आने से पार्टी को फायदा होगा क्योंकि कन्हैया वही मुद्दे और लडाई लड रहे हैं, जिन्हें कांग्रेस उठाती रही है.