नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजकीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे हुए हैं। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय मुसलमानों को लेकर टिप्पणी की। इस टिप्पणी के एक दिन बाद यानी आज असम सीएम और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी है।
असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर के जरिए ट्वीट कर यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि देश में कई "हुसैन ओबामा" हैं और राज्य पुलिस उनके अनुसार कार्य करेगी।
हिमंत सरमा के इस ट्वीट के बाद विपक्ष ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया और एक के बाद एक कई विपक्षी नेताओं ने ट्वीट किए। विपक्ष ने तुरंत असम के मुख्यमंत्री पर पलटवार किया।
दरअसल, हिमंत बिस्वा का ट्वीट गुरुवार को सीएनएन को दिए गए ओबामा के साक्षात्कार पर एक पत्रकार की पोस्ट के जवाब में था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन प्रधान मंत्री मोदी से मिले, तो बहुसंख्यक हिंदू भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक की सुरक्षा उल्लेखनीय बात है।
पत्रकार ने ट्वीट कर कहा कि क्या भावना को ठेस पहुंचाने के लिए ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में अभी तक एफआईआर दर्ज की गई है? क्या असम पुलिस ओबामा को किसी फ्लाइट से उतारने और गिरफ्तार करने के लिए वाशिंगटन जा रही है?
यह ट्वीट साफ तौर पर असम में विपक्षी नेताओं के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में उनकी टिप्पणियों को लेकर दर्ज की जा रही एफआईआर का जिक्र कर रहा था।
उस वक्त असम पुलिस ने विभिन्न स्थानों की यात्रा की थी और यहां तक कि गिरफ्तारियां भी की थीं, जिसमें फरवरी में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को विमान से उतारना और गिरफ्तार करना और पिछले साल तत्कालीन स्वतंत्र गुजरात विधायक जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार करना शामिल था।
इस ट्वीट के जवाब में ही असम सीएम ने ट्वीट किया, "भारत में ही कई हुसैन ओबामा हैं। वाशिंगटन जाने पर विचार करने से पहले हमें उनकी देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए। असम पुलिस हमारी अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कार्य करेगी।"
असम के मुख्यमंत्री की टिप्पणी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति बिडेन के साथ एक संयुक्त व्हाइट हाउस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किए जाने के कुछ घंटों बाद आई है कि जाति या धर्म के आधार पर "भारत में कोई भेदभाव नहीं है" क्योंकि उनकी सरकार संविधान का पालन करती है, जो कि है लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों पर गठित।
विपक्ष ने हिमंत बिस्वा सरमा पर साधा निशाना
असम सीएम के इस ट्वीट पर विपक्ष के कई नेताओं ने उन्हें घेरते हुए निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता और सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, ''मेरे दोस्त बराक' अब हुसैन ओबामा हैं! दरअसल, व्हाइट हाउस में पीएम मोदी से जो सवाल पूछा गया था, हिमंत ने उसका जवाब दिया है।
उनका यह आग्रह कि राष्ट्रपति ओबामा एक मुस्लिम हैं और भारतीय मुसलमानों को सबक सिखाया जाना चाहिए, प्रश्न का आधार था। इस पर प्रधानमंत्री, विदेश मंत्रालय और भारत सरकार का क्या रुख है?
सरमा के ट्वीट पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बराक से हुसैन तक, एक मौजूदा भाजपा मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि बराक ओबामा की टिप्पणियाँ गलत नहीं थीं।''
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा, ''पीएम मोदी के भारत में कोई भेदभाव नहीं है कहने के 24 घंटे से भी कम समय बाद, उनकी पार्टी के एक मुख्यमंत्री ने ओबामा को 'हुसैन ओबामा' कहा (उद्धरण में) 'भारत में उनकी देखभाल के लिए' अपने राज्य पुलिस बल का उपयोग करने के बारे में परोक्ष धमकी जारी करता है। यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर पीएम मोदी के पाखंड और झूठ को स्पष्ट रूप से उजागर करता है।
बराक ओबामा ने क्या कहा था?
गुरुवार को सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में ओबामा ने कहा था कि अगर धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बरकरार नहीं रखा गया तो भारत अलग हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति प्रधान मंत्री मोदी से मिलते हैं तो हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का उल्लेख करना उचित है।
अगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत हुई जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू हो जाएगा।