नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों को लेकर की जारी कांग्रेस की तैयारियों के बीच कांग्रेस नेता अलका लांबा के एक बयान ने सनसनी फैला दी थी। दरअसल बीते दिनों कांग्रेस की एक अहम बैठक के बाक लांबा ने कहा था कि पार्टी दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके बाद 'इंडिया' गठबंधन की सहयोगी आम आदमी पार्टी असहज हो गई थी। अब कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कुछ ऐसा कहा है जिससे एक बार फिर दोनों दलों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
लोकसभा चुनाव 2024 पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "हमने ये नहीं कहा कि हम सातों सीटों पर लड़ेंगे। हमने कहा कि हम सात सीटों पर तैयारी करेंगे। गठबंधन की परवाह किए बिना हर पार्टी तैयारी करती है। जब गठबंधन बनेगा तो तय होगा कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा। हमारी बैठक पार्टी को मजबूत करने के लिए थी। हमने बैठक में गठबंधन पर चर्चा नहीं की। हमारा रुख यह है कि हम इस पार्टी (AAP) पर भरोसा नहीं कर सकते। उनकी राजनीति में भ्रष्टाचार है।"
बता दें कि अलका लांबा के बयान के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया को आगे आकर सफाई देनी पड़ी थी। अब संदीप दीक्षित के बयान के बाद पवन खेड़ा को सफाई देनी पड़ी है। दीक्षित के बयान पर पवन खेड़ा ने कहा, "पार्टी की बेहतरी के लिए चर्चाएं होती रहती हैं और जब चर्चा होती है तो अलग-अलग राय सुनने को मिलती है और उसके बाद मिलकर कोई फैसला लिया जाता है।"
बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल हैं। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के बयानों से आप असहज है। लांबा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ कहा था कि अगर कांग्रेस ने मन बना लिया है कि दिल्ली में वो हमारे साथ गठबंधन नहीं करेंगे तो ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने और अपना समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है। हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होंगे या नहीं।
कांग्रेस ने दिल्ली में सेवाओं से संबंधित विधेयक के मुद्दे पर पिछले दिनों संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था, जबकि संदीप दीक्षित और अजय माकन जैसे कई नेताओं की राय इस मुद्दे पर अलग थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय यही है कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का जनाधार छीना है और ऐसे में पार्टी को उस जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए।