पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे पर जारी घमासान के बीच अब हलचल तेज हो गई है। हाल यह है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सियासी सरगर्मी अब सातवें आसमान पर पहुंच गया है। पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया का आखिरी दिन 17 अक्टूबर है, लेकिन अब तक महागठबंधन में सीट बंटवारा नहीं हुआ है। जानकारी अनुसार सहनी को महागठबंधन में 18 सीटें मिल रही थी, जिससे वो नाराज हैं। सहनी ने 60 सीटों की मांग की थी जिसके बाद जानकारी सामने आई कि सहनी 35 सीट पर राजी हो गए। वहीं एक बार फिर सहनी के नाराजगी की खबर सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने सहनी को सीट देने की जिम्मेदारी राजद को दी थी। सूत्रों की मानें तो महागठबंधन में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश शुरू हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी से फोन पर बात की है। कांग्रेस के बड़े नेताओं का फोन आया शुरू हो गया है। राहुल गांधी ने मुकेश सहनी को भरोसा दिलाया है कि वीआईपी पार्टी के साथ सम्मानजनक समझौता किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार मुकेश सहनी ने राहुल गांधी से फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि क्या मेरे पास समर्थक और कार्यकर्ता नहीं हैं? अभी तक मैंने किसी उम्मीदवार को को सिंबल नहीं दिया है। ऐसे में मेरे पार्टी के अंदर नाराजगी बढ़ सकती है। इसलिए जल्द से जल्द सीटों पर फाइनल सहमति बनाने का काम करें। दूसरी ओर राजद-कांग्रेस और वामदल अपने अपने प्रत्याशियों को टिकट भी देने लगे हैं।
बछवाड़ा सीट भाकपा को मिलने के बावजूद, 2020 की तरह कांग्रेस और भाकपा फिर आमने-सामने होंगे। कांग्रेस ने शिव प्रकाश गरीब दास को उम्मीदवार बनाया है, जो पहले भी भाकपा के अवधेश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। पिछली बार भाजपा जीती थी, लेकिन इस बार फिर कांग्रेस और भाकपा के बीच मुकाबला होगा।
बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की सीट हालांकि भाकपा के पास गई है, परंतु 2020 के चुनाव की भांति एक बार फिर यहां कांग्रेस और भाकपा के बीच आपस में मुकाबला होना तय हो गया है। ऐसे में अब एक बार फिर बछवाड़ा में भाकपा और कांग्रेस उम्मीदवार आमने सामने होंगे। महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि सीट बंटवारे में हर चीज पर कांग्रेस की टोका-टोकी से बात यहां तक पहुंची है।
पहले चरण के नामांकन के लिए अब सिर्फ एक और दिन बचा है, पर कांग्रेस के नेता अभी तक सीट के बंटवारे पर आम सहमति नहीं बनने दे रहे हैं। बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के खिलाफ पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कल नारेबाजी भी की थी। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राजद अपनी शर्तें थोप रहा है।
कांग्रेस और राजद को छोड़कर बाकी दलों को लग रहा है कि इसकी वजह से महागठबंधन का जो भी माहौल था, वो हर घंटे बिगड़ रहा है और चुनाव हाथ से निकलता दिख रहा है। वहीं, महागठबंधन में सीट बंटवारे का ऐलान होने से पहले ही कांग्रेस ने अब तक 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं।
उन्हें पार्टी की ओर से सिंबल भी दे दिए गए हैं। बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को कुटंबा से चुनावी मैदान में उतरेंगे। महागठबंधन में कांग्रेस के साथ राजद, वीआईपी, सीपीआई माले, सीपीएम और सीपीआई चुनाव लड़ रही है। बिहार कांग्रेस के द्वारा बुधवार की देर रात जारी की गई पहली सूची के अनुसार कुटुंबा से राजेश राम को टिकट दिया है।
, राजापाकर से प्रतिमा दास, बिक्रम से अनिल कुमार, वैशाली से संजीव सिंह, रीगा से अमित कुमार टुन्ना, फुलपरास से सुबोध मंडल, सुल्तानगंज से ललन कुमार, बेगूसराय से अमिता भूषण, बछवाड़ा से गरीब दास, औरंगाबाद से आनंद शंकर, बरबीघा से त्रिशुलधारी सिंह, लखीसराय से अमरेश कुमार लड़ेंगे।
नालंदा से कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया, बगहा से जयेश सिंह, वजीरगंज से अवधेश सिंह, सोनबरसा से तारिणी ऋषिदेव, राजपुर से विश्वनाथ राम, अमरपुर से जितेंद्र सिंह, रोसड़ा से ब्रजकिशोर रवि, गोपालगंज से ओमप्रकाश गर्ग, मुजफ्फरपुर से विजेंद्र चौधरी और गोविंदगंज से शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय को मैदान में उतारा गया है।