पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने अपने 16 विधायकों का टिकट काट दिया है। इन विधायकों के बदले पार्टी ने अधिकतर युवाओं को उतारा है। कहा जा रहा है जेन-जेड मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने इस बार खास रणनीति तैयार की है। इसी रणनीति के तहत पुराने चेहरों की जगह नये चेहरों को मौका दिया है। हालांकि प्रेम कुमार जैसे नेता इस बार भी टिकट पाने में कामयाब रहे, लेकिन नंदकिशोर यादव जैसे कई नाम हैं जिन्हें इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। पार्टी की ओर से जारी 101 उम्मीदवारों की सूची में मिश्रीलाल यादव की जगह मैथिली ठाकुर को और गौड़ा बौराम से स्वर्णा सिंह की जगह उनके पति सुजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। रीगा से मोतीलाल प्रसाद की जगह बैद्यनाथ प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है।
मोतीलाल प्रसाद बिहार सरकार में मंत्री भी रहे हैं। सीतामढ़ी से मिथिलेश कुमार की जगह सुनील पिंटू को उम्मीदवारी दी गई है। सुनील पिंटू पहले भाजपा में थे, लेकिन 2019 के चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बने। वहीं, भाजपा चुनाव समिति ने कटोरिया सुरक्षित सीट से निक्की हेंब्रम का टिकट काटकर पूरनलाल टुडू को उम्मीदवार बनाया है।
जबकि कुम्हरार सीट से पार्टी ने मौजूदा विधायक अरुण सिन्हा का टिकट काटकर संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया। अरुण सिन्हा बीते 20 साल से विधायक थे। उनकी जगह पार्टी ने अब युवा उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। इसी तरह पटना साहिब सीट से भाजपा ने मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का टिकट काटकर रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है।
नंदकिशोर यादव पिछले 30 साल से विधायक थे। पार्टी ने नरपतगंज से मौजूदा विधायक जयप्रकाश यादव का टिकट काटकर देवयंती यादव को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजनगर सुरक्षित सीट से पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान की जगह सुजीत पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसी प्रकार औराई सीट से पार्टी ने पूर्व मंत्री रामसूरत राय का टिकट काट दिया।
उनकी जगह रमा निषाद को उम्मीदवार बनाया। जबकि राम निषाद पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं। हाल ही में अजय निषाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं, छपरा से विधायक सीएन गुप्ता का टिकट काटकर छोटी कुमारी को उम्मीदवार बनाया। जबकि आरा सीट पर पार्टी ने मौजूदा विधायक अमरेंद्र सिंह के टिकट काटकर पूर्व विधायक संजय टाइगर को उम्मीदवार बनाया है।
अमरेंद्र सिंह 78 साल के हैं। वह मंत्री भी रहे हैं। उसी तरह मुंगेर से विधायक प्रणव कुमार का टिकट काटकर पार्टी ने कुमार प्रणय को उम्मीदवार बनाया। बाढ़ से ज्ञानेंद्र ज्ञानू का टिकट कट गया। डॉ सियाराम सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इसी प्रकार गोपालगंज से विधायक कुसुम देवी के टिकट पर कैंची चली और यहां से सुभाष सिंह को उम्मीदवारी दी गई है।
रामनगर से विधायक भागीरथी देवी की जगह नंदकिशोर राम को उम्मीदवार बनाया। जबकि नरकटियागंज से विधायक रश्मि वर्मा की जगह संजय पांडेय पर पार्टी ने भरोसा जताया है। इसी तरह पीरपैंती से विधायक ललन पासवान की जगह मुरारी पासवान को उम्मीदवार बनाया गया है।
भाजपा के द्वारा जिन विधायकों को बेटिकट किया गया है उनमें-नंदकिशोर यादव, रामप्रीत पासवान, अमरेंद्र सिंह, रामसूरत राय, मिश्रीलाल यादव, स्वर्णा सिंह, मोतीलाल प्रसाद, मिथिलेश कुमार, जयप्रकाश यादव, निक्की हेंब्रम, अरुण सिन्हा, प्रणव कुमार, ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, सीएन गुप्ता, कुसुम देवी, भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा और ललन पासवान शामिल हैं।